विचारधारा का फर्क समझिए.. वामपंथी विनोद दुआ ने अटल जी के निधन के बाद कहे थे गलत शब्द..संघ परिवार ने मनमोहन जी को किया नमन..

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कल दिल्ली के एम्स में निधन हुआ है मगर इसी बीच सोशल मीडिया पर वामपंथी पत्रकार विनोद दुआ का एक वीडियो वायरल हो रहा है और उस वीडियो में वामपंथी पत्रकार विनोद दुआ भारत के ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का अपमान करते हुए नजर आ रहे हैं। अपने इस वीडियो में विनोद दुआ कह रहे हैं कि अटल बिहारी वाजपेई का निधन हो गया है और अब उनको महान बताने का पाखंड किया जा रहा है , साफ तौर पर जाहिर है कि विनोद दुआ के मन में कितनी ज्यादा नफरत और जहर घुल चुका था कि वह दिवंगत हो चुके अटल बिहारी वाजपेई के बारे में ऐसी अनर्गल बातें कर रहे हैं।
जबकि दूसरी तरफ आरएसएस के संस्कारों से निखर कर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह , बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम भाजपा के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
अब यहां फर्क साफ दिखता है, कि लोकतंत्र.. लोकतंत्र संविधान ..संविधान का नारा लगाने वाली वामपंथ और कांग्रेस की सोच कितनी ज्यादा घृणित है कि उनकी विचारधारा से प्रेरित एक वायर में काम करने वाला पत्रकार अटल बिहारी वाजपेई के निधन के बाद शोक संवेदनाओं को पाखंड बता रहा है और उन्हें महान ना कहने की अपील कर रहा है जबकि दूसरी तरफ संघ के संस्कारों से सुशोभित नरेंद्र मोदी, अमित शाह , जेपी नड्डा समेत तमाम लोग व स्वयं संघ प्रमुख मोहन भागवत मनमोहन सिंह की महानता को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
फर्क समझिए कि किस विचारधारा के संस्कार ज्यादा लोकतांत्रिक हैं? फर्क समझिए कि कौन सी विचारधारा की जड़ों में ज्यादा विनम्रता ज्यादा पोषणता ज्यादा प्रसन्नता है?
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