भारत-इजरायल रक्षा सहयोग फिर चरम पर: खुफिया से लेकर टेक्नोलॉजी तक मिलेगा भारत को पूरा समर्थन

नई दिल्ली/तेल अवीव:
भारत और इजरायल के बीच रणनीतिक साझेदारी एक बार फिर मजबूती से सामने आई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच, इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का न केवल समर्थन किया है, बल्कि सहयोग को और गहरा करने का संकेत भी दिया है।
इजरायल के भारत में राजदूत रूवेन अजार ने WION को दिए इंटरव्यू में कहा कि “भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और उसे अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा का पूरा अधिकार है। हम उसके आत्मरक्षा के अधिकार का पूर्ण समर्थन करते हैं।”
राजदूत के इस बयान से साफ है कि इजरायल भारत के साथ केवल कूटनीतिक नहीं, व्यावहारिक सैन्य सहयोग भी कर रहा है—जिसमें खुफिया जानकारी, साइबर सुरक्षा और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी शामिल है।
पाकिस्तान को चीन-तुर्की का समर्थन, लेकिन इजरायल भारत के साथ
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान को चीन से PL-15 मिसाइलें और तुर्की से हथियार मिलने की खबरें सामने आई थीं, हालांकि तुर्की ने इन खबरों से इनकार किया है।
वहीं, इजरायल का भारत को खुला समर्थन देना न केवल संतुलन बनाने वाला कदम है, बल्कि यह बताता है कि भारत का अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक समर्थन लगातार मजबूत हो रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा
राजदूत अजार ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ कड़ी नीति की सराहना करते हुए कहा,
"जब निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जाता है, चाहे वह भारत हो या इजरायल – यह मानवता के खिलाफ अपराध है।"
उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले का उदाहरण देते हुए बताया कि आतंकवाद अब केवल क्षेत्रीय नहीं, वैश्विक संकट बन चुका है।
खुफिया, साइबर और ड्रोन टेक्नोलॉजी में सहयोग
भारत और इजरायल के बीच रक्षा तकनीक का गहरा गठजोड़ है।
स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइल,
हेरोन ड्रोन्स,
बराक-8 एयर डिफेंस सिस्टम,
जैसी तकनीकों ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाया है।
हाल ही में Hermes 900 UAV के भारत में निर्माण के लिए Elbit Systems (इजरायल) और Adani Group (भारत) के बीच समझौता हुआ है।
कारगिल युद्ध में निभाई थी असली मित्रता
1999 के कारगिल युद्ध के दौरान जब कई देश भारत को समर्थन देने से पीछे हटे थे, इजरायल ने Laser-Guided Bombs और सैटेलाइट इंटेलिजेंस के ज़रिए भारत की मदद की थी। इससे भारत को दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में दुश्मन पर सटीक हमला करने में सफलता मिली थी।
इजरायल और भारत के बीच यह साझेदारी सिर्फ एक रणनीतिक गठबंधन नहीं, दो लोकतांत्रिक और आतंकवाद से पीड़ित राष्ट्रों की एकजुटता का प्रतीक है। यह संबंध भविष्य में भी भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और तकनीकी ताकत को और मजबूती देने वाला साबित होगा।
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