हिन्दुओं के अलावा कोई नहीं कर सकेगा तिरुपति मंदिर में काम, CM चंद्रबाबू नायडू ने दिया सख्त निर्देश

Mar 21, 2025 - 17:59
Apr 10, 2025 - 17:06
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हिन्दुओं के अलावा कोई नहीं कर सकेगा तिरुपति मंदिर में काम, CM चंद्रबाबू नायडू ने दिया सख्त निर्देश

हिन्दुओं के अलावा कोई नहीं कर सकेगा तिरुपति मंदिर में काम, CM चंद्रबाबू नायडू ने दिया सख्त निर्देश 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम (TTD) को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उनके अनुसार, तिरुपति मंदिर में केवल हिंदू धर्मावलंबियों को ही रोजगार दिया जाएगा। यदि वर्तमान में वहां अन्य धर्मों के लोग कार्यरत हैं, तो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना उन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाएगा।

हिंदू आस्था का सम्मान जरूरी – नायडू

मुख्यमंत्री नायडू ने शुक्रवार को तिरुपति मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के बाद यह बयान दिया। उन्होंने कहा,
"तिरुमाला मंदिर में केवल हिंदुओं को ही काम पर रखा जाना चाहिए। यदि किसी अन्य धर्म के लोग वहां कार्यरत हैं, तो उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्हें अन्य स्थानों पर भेजा जाएगा।"

इस फैसले को मंदिर की पवित्रता और धार्मिक परंपराओं को बनाए रखने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिरों का विस्तार

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस दौरान एक महत्वाकांक्षी योजना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि देशभर के सभी राज्यों की राजधानियों में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के मंदिर बनाए जाएंगे।

इसके अलावा, उन्होंने बताया कि
"दुनियाभर में भगवान वेंकटेश्वर की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है। विदेशों में भी कई भक्त ऐसे मंदिरों की स्थापना चाहते हैं, और सरकार इस दिशा में कार्य करेगी।"

धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और श्रद्धालुओं की आस्था पर जोर

नायडू सरकार के इस फैसले को धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सुरक्षा बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह निर्णय हिंदू आस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे तिरुपति मंदिर की प्राचीन परंपराओं और धार्मिक मर्यादाओं को संरक्षित किया जा सके।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

नायडू सरकार के इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। हिंदू संगठनों और भक्तों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, वहीं कुछ वर्गों का मानना है कि यह धर्म के आधार पर भेदभाव को बढ़ावा दे सकता है।

हालांकि, सरकार का तर्क है कि यह फैसला मंदिर की परंपरा और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए लिया गया है, और इसका उद्देश्य किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का यह कदम हिंदू आस्था और धार्मिक परंपराओं की रक्षा करने के लिए उठाया गया है। तिरुपति मंदिर न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पूरे देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, और इसे पवित्र बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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