नागपुर हिंसा: सुनियोजित हमले में हिंदुओं की संपत्तियों को बनाया गया निशाना, विधायक ने उठाए गंभीर सवाल

नागपुर में 17 मार्च 2025 की शाम को हुई हिंसा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। स्थानीय लोगों और बीजेपी विधायक प्रवीण दटके के मुताबिक, यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध था। हिंसा में शामिल करीब 1000 कट्टरपंथियों की भीड़ ने चेहरे ढके हुए थे और उनके हाथों में हथियार थे। भीड़ ने चुन-चुनकर हिंदुओं की दुकानों और घरों को निशाना बनाया।
कैसे हुआ हमला?
हिंसक भीड़ पहले से पूरी योजना के साथ आई थी।
भीड़ ने सबसे पहले इलाके के सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए, ताकि हिंसा का कोई सबूत न बचे।
तलवारों से दरवाजों को काटने की कोशिश की गई, गाड़ियों में आग लगा दी गई।
मुस्लिमों के घरों और दुकानों को पूरी तरह से छोड़ दिया गया, जिससे साफ पता चलता है कि हमले की मंशा क्या थी।
हमला करने के बाद भीड़ अचानक गायब हो गई, जिससे यह संदेह गहराता है कि हमलावर बाहरी थे।
बीजेपी विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
नागपुर (मध्य) के बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने मौके पर पहुँचकर हालात का जायजा लिया और कहा कि यह हमला पूरी तरह से सुनियोजित था। उन्होंने बताया कि -
हमलावरों ने केवल हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाया।
स्थानीय पुलिस हमले के दौरान नदारद रही, यहाँ तक कि पुलिस थाने के इंस्पेक्टर का फोन तक बंद था।
घटनास्थल से टूटे हुए सीसीटीवी कैमरों और जले हुए डीवीआर बरामद किए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पहले सबूत नष्ट किए गए, फिर हमला किया गया।
विधायक दटके ने बताया कि हंसापुरी इलाके में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन हमले वाले दिन मुस्लिमों की गाड़ियाँ वहाँ नहीं थीं, जिससे यह संदेह बढ़ता है कि हमले की सूचना पहले से ही कुछ लोगों को थी।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
स्थानीय पुलिस पर हिंदू समुदाय की रक्षा न कर पाने का आरोप लगाया जा रहा है।
हमलावर कौन थे? क्या उन्हें किसी ने शरण दी थी?
हिंसा की योजना कहाँ बनाई गई और इसमें कौन शामिल था?
क्या होगी कार्रवाई?
बीजेपी विधायक ने साफ कहा है कि हमलावरों की तस्वीरें और डीवीआर फुटेज पुलिस को सौंपे जाएँगे। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से माँग की कि इस घटना की निष्पक्ष जाँच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
नागपुर में हुई यह हिंसा आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा नजर आ रही है। सीसीटीवी कैमरों को पहले तोड़ना, केवल हिंदुओं की संपत्तियों को निशाना बनाना और पुलिस की निष्क्रियता कई गंभीर सवाल खड़े करते हैं। इस घटना ने शहर की शांति व्यवस्था और कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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