'हम आज जो निर्णय ले रहे हैं, वो एक हजार साल का भविष्य तय करने वाले हैं' – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल, 2025 को 17वें सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और 'लोक प्रशासन में उत्कृष्टता' को समर्पित ई-कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने सिविल सेवकों को "भारत का स्टील फ्रेम" बताते हुए देश की उन्नति में उनकी भूमिका को सराहा।
नई सहस्त्राब्दी के नए लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हम जिन नीतियों और फैसलों पर काम कर रहे हैं, वो आने वाले 1 हजार वर्षों की नींव रख रहे हैं।" उन्होंने इसे "नई सहस्त्राब्दी का 25वां वर्ष" बताते हुए, देश को तेज़ी से बदलती दुनिया के लिए तैयार करने पर बल दिया।
समग्र विकास की परिभाषा
पीएम मोदी ने इस बार के सिविल सेवा दिवस की थीम 'भारत का समग्र विकास' को खास बताया और समझाया कि असल प्रगति का अर्थ छोटे-छोटे बदलाव नहीं, बल्कि व्यापक प्रभाव से है। उन्होंने कहा:
> "हर गांव, हर परिवार, हर नागरिक को विकास की मुख्यधारा में लाना ही समग्र विकास है।"
प्रभावशाली शासन की आवश्यकता
उन्होंने जोर दिया कि किसी भी योजना की सफलता उसकी गहराई और पहुंच से तय होती है, न कि केवल उसके लॉन्च से।
> "गुणवत्ता वाला शासन वही है, जो अंतिम व्यक्ति तक प्रभाव डाले।"
सिविल सेवकों के लिए मार्गदर्शन
प्रधानमंत्री ने सिविल सेवकों से कहा कि वे बदलती जरूरतों और वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए जनता की आकांक्षाओं को प्राथमिकता दें। खास तौर पर खाद्य, जल और ऊर्जा सुरक्षा जैसी चुनौतियों को लेकर सतर्क रहने की बात कही।
प्रधानमंत्री के संदेश की मुख्य बातें:
1 हजार साल की नींव आज तैयार हो रही है।
शासन में गुणवत्ता अंतिम व्यक्ति तक पहुंच से तय होती है।
समग्र विकास का अर्थ है हर गांव, हर व्यक्ति को जोड़ना।
वैश्विक दक्षिण के लिए खाद्य, जल व ऊर्जा बड़ी चुनौतियाँ हैं।
भारत की आकांक्षाएँ अभूतपूर्व ऊंचाई पर हैं, गति भी वैसी ही चाहिए।
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