दुनिया भर में बढ़ रहा धर्म परिवर्तन: ईसाई और बौद्ध धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान, भारत में क्या है स्थिति?

दुनिया के कई देशों में लोग तेजी से अपना जन्मजात धर्म छोड़ रहे हैं और किसी भी धर्म से खुद को असंबद्ध कर रहे हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण के अनुसार, खासतौर पर ईसाई और बौद्ध धर्म को सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
धार्मिक परिवर्तन के प्रमुख निष्कर्ष
➡️ धर्म त्यागने वालों की संख्या बढ़ी – 36 देशों में हुए सर्वेक्षण के अनुसार, कई लोग अपने बचपन का धर्म छोड़ चुके हैं और किसी भी नए धर्म को नहीं अपनाया है।
➡️ ईसाई और बौद्ध धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान – यूरोप, अमेरिका और पूर्वी एशिया में खासतौर पर इन दो धर्मों को मानने वाले तेजी से धर्म छोड़ रहे हैं।
➡️ भारत में स्थिति स्थिर – भारत, इजराइल, नाइजीरिया और थाईलैंड जैसे देशों में 95% से ज्यादा लोग अभी भी अपने जन्मजात धर्म से जुड़े हुए हैं।
किन देशों में धर्म परिवर्तन सबसे ज्यादा?
दक्षिण कोरिया: 50% वयस्क अब अपने जन्मजात धर्म को नहीं मानते।
नीदरलैंड: 36% लोग धर्म छोड़ चुके हैं।
अमेरिका: 28% वयस्क अब खुद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ते।
ब्राजील: 21% लोग अपने बचपन के धर्म से अलग हो गए हैं।
कौन सा धर्म लोग अपना रहे हैं?
ज्यादातर लोग किसी भी धर्म को नहीं अपना रहे। वे खुद को नास्तिक (Atheist), अज्ञेयवादी (Agnostic) या "धार्मिक रूप से असंबद्ध" मानते हैं।
बौद्ध धर्म भी हो रहा कमजोर
जापान में 23% वयस्क और दक्षिण कोरिया में 13% लोग बौद्ध धर्म को त्याग चुके हैं।
हालांकि, इस धर्म को छोड़ने वालों और अपनाने वालों का अनुपात इतना अधिक नहीं है जितना ईसाई धर्म में है।
भारत की स्थिति क्या है?
भारत में धार्मिक परिवर्तन की दर बहुत कम है। यहां 95% से अधिक लोग अभी भी अपने जन्मजात धर्म को मानते हैं।
नए धर्म अपनाने की प्रवृत्ति
हालांकि, कुछ देशों में विपरीत प्रवृत्ति भी दिख रही है। उदाहरण के लिए, दक्षिण कोरिया में 9% लोग, जिनका पालन-पोषण किसी धर्म में नहीं हुआ, अब किसी न किसी धर्म को मानने लगे हैं।
➡️ धार्मिक असंबद्धता बढ़ रही है।
➡️ ईसाई और बौद्ध धर्म सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
➡️ भारत में धर्म परिवर्तन की दर बहुत कम है।
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