ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत का निर्णायक प्रहार

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अब वह न तो सहन करेगा, न ही चुप बैठेगा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या का जो अमानवीय कृत्य आतंकियों द्वारा किया गया, उसके जवाब में भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंक के उन अड्डों को निशाना बनाया, जहाँ से भारत के विरुद्ध साजिशें रची जा रही थीं।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए कहा, “भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” उन्होंने साफ शब्दों में बताया कि यह कार्रवाई केवल बदला नहीं, बल्कि एक संदेश है—भारत अब केवल रक्षात्मक नहीं, आक्रामक रणनीति के तहत काम कर रहा है।
'ऑपरेशन सिंदूर': नाम में ही है भारत का संकल्प
इस कार्रवाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया—यह नाम केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत माता के माथे की रक्षा का प्रतीक है। सिंदूर, जो भारत की सांस्कृतिक अस्मिता और सम्मान का प्रतीक है, अब एक सामरिक चेतावनी भी बन गया है—भारत की सीमाओं के भीतर खून बहाने वालों को अब अपनी सरहद में भी चैन नहीं मिलेगा।
तीनों सेनाओं की एकजुटता: थल, जल और नभ से आतंक का सफाया
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से नौ आतंकी ठिकानों को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में ध्वस्त किया। यह कार्रवाई पूरी तरह “केंद्रित, नपी-तुली और गैर-उकसावा देने वाली” थी, लेकिन इसका संदेश स्पष्ट था—अब भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, पहले प्रहार भी करेगा।
भारत की बदली हुई रक्षा नीति: आतंक के साथ समझौता नहीं
मोदी सरकार की नई सुरक्षा नीति अब 'रक्षात्मक रणनीति' से 'रोकथाम और प्रतिघात' की ओर बढ़ चुकी है। पुलवामा के बाद बालाकोट, उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक, और अब पहलगाम के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर—ये सब उदाहरण हैं कि भारत अब आतंक को उसके घर में घुसकर खत्म करेगा।
अंतरराष्ट्रीय सन्देश: भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व में आगे
इस ऑपरेशन ने केवल पाकिस्तान को नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर नेतृत्व करने को तैयार है। बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर और अन्य ठिकानों को ध्वस्त कर भारत ने दिखा दिया कि वह अब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से जवाब देगा।
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राष्ट्र की चेतना का जागरण है। यह उस भारत की तस्वीर है, जो अब चुप नहीं रहता, जो अब जवाब देता है—मुंहतोड़ और निर्णायक। यह ऑपरेशन उन सभी आतंकियों और उनके सरपरस्तों के लिए चेतावनी है: भारत अब बदल चुका है।
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