बागेश्वर धाम सरकार का बड़ा एलान : कहा बिहार से उठेगी हिंदू राष्ट्र की मांग... पढ़िए क्या कुछ कहा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने

Mar 11, 2025 - 14:38
Apr 3, 2025 - 13:46
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बागेश्वर धाम सरकार का बड़ा एलान : कहा बिहार से उठेगी हिंदू राष्ट्र की मांग... पढ़िए क्या कुछ कहा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने

बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों और हिंदू राष्ट्र की खुली वकालत को लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि "हिंदू राष्ट्र की मांग सबसे पहले बिहार से उठेगी।" उनका यह बयान न केवल धार्मिक बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी चर्चा का विषय बन गया है।

लेकिन सवाल उठता है कि धीरेंद्र शास्त्री को ऐसा क्यों लगता है? इसके पीछे कई ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक कारण हो सकते हैं।

1. बिहार: सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता की भूमि

बिहार को सनातन धर्म और आध्यात्मिकता की जन्मस्थली माना जाता है। यही वह भूमि है जहां:

भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ और बौद्ध धर्म की नींव पड़ी।

भगवान महावीर का जन्म हुआ, जिन्होंने जैन धर्म को मजबूत किया।

गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में हुआ, जो सिख धर्म के दसवें गुरु थे।

चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य ने मगध साम्राज्य से अखंड भारत की नींव रखी।


इतिहास बताता है कि बिहार हमेशा से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र रहा है। यही कारण है कि धीरेंद्र शास्त्री को लगता है कि हिंदू राष्ट्र की मांग भी यहीं से उठ सकती है।

2. बिहार की हिंदू आबादी और धार्मिक चेतना

बिहार में हिंदू आबादी बहुसंख्यक है और यहां धार्मिक आयोजनों को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है। छठ पूजा, कुम्भ, रामनवमी, दुर्गा पूजा और अन्य हिंदू पर्वों पर भारी भीड़ उमड़ती है।

हाल के वर्षों में, हिंदू संगठनों की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिससे धर्म और संस्कृति को लेकर जनचेतना बढ़ रही है। धीरेंद्र शास्त्री मानते हैं कि बिहार के लोग अपनी धार्मिक पहचान को लेकर जागरूक हैं और वे हिंदू राष्ट्र की मांग को सबसे पहले उठाने में सक्षम हैं।

3. राजनीतिक पहलू: बिहार की निर्णायक भूमिका

बिहार हमेशा से भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण राज्य रहा है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक, बिहार ने कई बड़े आंदोलनों को जन्म दिया है:

जेपी आंदोलन (1974): लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में यह आंदोलन तत्कालीन सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा जनांदोलन बना।

मंडल आंदोलन (1990s): सामाजिक न्याय और आरक्षण नीति को लेकर बिहार ने अहम भूमिका निभाई।


यदि हिंदू राष्ट्र की मांग उठती है, तो बिहार के लोग राजनीतिक रूप से इसके समर्थन या विरोध में मुखर हो सकते हैं। धीरेंद्र शास्त्री इसे बिहार की क्रांतिकारी प्रवृत्ति से जोड़ते हैं।

4. बागेश्वर धाम और धीरेंद्र शास्त्री की बिहार में लोकप्रियता

धीरेंद्र शास्त्री की बिहार में बड़ी संख्या में समर्थक हैं। उनके दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में होते हैं।

वे हिंदू जागरूकता और धार्मिक एकता की बात करते हैं।

उनके कार्यक्रमों में भारी भीड़ उमड़ती है, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।


इस समर्थन को देखते हुए, धीरेंद्र शास्त्री को लगता है कि बिहार हिंदू राष्ट्र की मांग उठाने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।

5. हिंदू राष्ट्र की अवधारणा और बिहार की स्थिति

धीरेंद्र शास्त्री जिस हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, वह भारत के संविधानिक ढांचे से मेल नहीं खाता। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी धर्मों को समान अधिकार मिले हैं। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि भारत की मूल पहचान सनातन संस्कृति से जुड़ी है और इसलिए इसे हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए।

बिहार में हिंदू संगठनों की सक्रियता, सामाजिक आंदोलन की प्रवृत्ति और धार्मिक चेतना को देखते हुए, धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि यहां से इस विचार को सबसे पहले समर्थन मिल सकता है।

धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान कि "हिंदू राष्ट्र की मांग सबसे पहले बिहार से उठेगी," कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक पहलुओं से जुड़ा हुआ है। बिहार की धार्मिक चेतना, राजनीतिक सक्रियता और आध्यात्मिक विरासत को देखते हुए, वे यह मानते हैं कि हिंदू राष्ट्र की लहर यहां से उठ सकती है।

हालांकि, यह विचार संविधानिक व्यवस्था और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कितना प्रभावी होगा, यह बहस का विषय है। लेकिन यह स्पष्ट है कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे संतों और धर्मगुरुओं के विचारों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वे जनचेतना को दिशा देने की क्षमता रखते हैं।

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