अरविंद केजरीवाल सरकार पर CAG की बड़ी रिपोर्ट: 5 साल में विज्ञापन खर्च 1200% बढ़ा, काम से ज्यादा दिया प्रचार पर जोर

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कामकाज को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। CAG की ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने कार्यकाल में प्रचार पर पानी की तरह पैसा बहाया, जबकि जमीनी स्तर पर विकास कार्य उतने प्रभावी नहीं रहे। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में दिल्ली सरकार का विज्ञापन बजट 1200% तक बढ़ गया, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या सरकार जनता के हित में काम कर रही है या सिर्फ अपनी छवि चमकाने में लगी हुई है।
आपको बताते चले की CAG की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान देने के बजाय अपने प्रचार-प्रसार पर अधिक खर्च किया।
अगर आंकड़ों के अनुसार आपको बताएं तो
5 सालों में विज्ञापन खर्च में 1200% की वृद्धि देखी गई।
शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना विज्ञापनों पर दिया गया।
कई विकास परियोजनाएं अधूरी रह गईं, जबकि सरकार ने लगातार बड़े-बड़े दावे किए।
और यह पहली बार नहीं है जब अरविंद केजरीवाल सरकार पर ऐसे आरोप लग रहे हैं
AAP सरकार पर इससे पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि वह जनता के पैसे का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए कर रही है। सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन न केवल दिल्ली बल्कि अन्य राज्यों में भी चलाए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसका मकसद सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाना था।
जहां एक तरफ विज्ञापन पर भारी खर्च किया गया, वहीं दिल्ली की कई विकास योजनाएं या तो अधूरी रह गईं या धीमी गति से चलीं। जैसे
शिक्षा: सरकारी स्कूलों की हालत में आंशिक सुधार तो हुआ, लेकिन वादे के मुताबिक सुधार नहीं दिखा।
स्वास्थ्य: मोहल्ला क्लीनिक की संख्या बढ़ाने के दावे किए गए, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ।
बुनियादी ढांचा: कई सड़क और परिवहन योजनाएं अधूरी पड़ी रहीं।
CAG रिपोर्ट के इन खुलासों के बाद, विपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला है। बीजेपी और कांग्रेस का कहना है कि AAP सरकार का असली मकसद सिर्फ प्रचार करना और लोगों को गुमराह करना है।
क्यूंकि cag रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि केजरीवाल सरकार ने अपने कार्यकाल में विकास कार्यों के बजाय विज्ञापनों पर ज्यादा ध्यान दिया। 1200% की बढ़ोतरी दिखाती है कि सरकार की प्राथमिकता जनता की भलाई के बजाय अपनी ब्रांडिंग थी।
यही कारण था कि इसबार के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के झूठे विज्ञापन पर भरोसा नहीं करके भाजपा के सच्चे वादों पर भरोसा किया और भारी बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनाई
What's Your Reaction?






