छत्रपति शिवाजी महाराज: स्वराज्य के संस्थापक की पुण्यतिथि पर नमन

आज, 3 अप्रैल 2025, पूरे महाराष्ट्र और भारत के विभिन्न हिस्सों में छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। शिवाजी महाराज, जिन्होंने 17वीं सदी में मराठा साम्राज्य की नींव रखी, अपनी सैन्य कुशलता, दूरदर्शिता और न्यायप्रिय शासन के लिए जाने जाते हैं। उनका स्वराज्य की स्थापना का सपना और प्रशासनिक दक्षता आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
शिवाजी महाराज का जीवन परिचय
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में मुगलों, आदिलशाही और अन्य विदेशी शक्तियों से संघर्ष कर स्वराज्य की स्थापना की। उनकी कुशल युद्धनीति, गुरिल्ला युद्ध प्रणाली और किलों की रणनीतिक व्यवस्था ने उन्हें एक अद्वितीय योद्धा बनाया। 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले में बीमारी के कारण उनका निधन हुआ।
शिवाजी महाराज की विरासत
शिवाजी महाराज ने एक आदर्श प्रशासनिक प्रणाली विकसित की जिसमें धर्म, जाति और संप्रदाय से परे सभी लोगों को समान अवसर मिले। उनकी शासन नीति में न्याय, समानता, और लोकहित सर्वोपरि थे। वे एक कुशल नेता और जनप्रिय राजा थे, जिन्होंने आत्मसम्मान, स्वतंत्रता और सहिष्णुता के मूल्यों पर आधारित राज्य की स्थापना की।
महाराष्ट्र में आयोजन
शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर महाराष्ट्र में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जा रही हैं। लोग उनके विचारों को आत्मसात कर, उन्हें नमन कर रहे हैं।
नेताओं की श्रद्धांजलि
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, "भ्रष्ट, अत्याचारी और अन्यायपूर्ण शासन को हराकर शिवाजी महाराज ने आत्मसम्मान, स्वतंत्रता, सहिष्णुता और न्याय के मूल्यों से सजे कल्याणकारी राज्य की स्थापना की। छत्रपति शिवाजी महाराज को पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।"
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