दिल्ली विधानसभा चुनाव: इन सीटों पर बढ़त बना चुकी है कांग्रेस

दिल्ली में विधानसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधा संघर्ष माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस भी कुछ सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करती नजर आ रही है। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस इस बार 5 से 7 सीटें जीत सकती है, जो पिछले चुनाव की तुलना में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।
दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बेहद कमजोर साबित हुई थी। 2015 में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली, जबकि 2020 में भी कांग्रेस को शून्य सफलता मिली थी। लेकिन इस बार पार्टी की स्थिति में सुधार होता दिख रहा है।
इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
1.पुराने वोटबैंक की वापसी – कांग्रेस का पारंपरिक वोटबैंक, खासकर मुस्लिम और दलित समुदाय, फिर से कांग्रेस की ओर झुक सकता है
2. स्थानीय नेतृत्व की मजबूती – इस बार कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर कई मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं, जो जनता से सीधा जुड़ाव रखते हैं।
3. AAP की गिरती लोकप्रियता – कुछ क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के प्रति असंतोष देखने को मिला है, जिसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है।
किन सीटों पर कांग्रेस को फायदा हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ओखला, सीलमपुर, गांधी नगर, मटिया महल, बल्लीमारान और सीमापुरी जैसी सीटों पर कांग्रेस मजबूत दावेदारी पेश कर रही है। ये सभी सीटें मुस्लिम और दलित बहुल क्षेत्र हैं, जहां कांग्रेस की पकड़ परंपरागत रूप से मजबूत रही है।
हालांकि, कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी अभी भी मुश्किल नजर आ रही है, लेकिन यदि पार्टी 5-7 सीटें जीतने में सफल होती है, तो यह उसके पुनरुद्धार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे आने वाले लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस को फायदा मिल सकता है।दिल्ली विधानसभा चुनाव इस बार एक नया मोड़ ले सकता है। अगर कांग्रेस 5-7 सीटें जीतने में कामयाब होती है, तो यह पार्टी के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। वहीं, यह भी देखना होगा कि क्या कांग्रेस का यह उभार सिर्फ कुछ इलाकों तक सीमित रहता है या फिर यह एक बड़ी राजनीतिक वापसी की शुरुआत है।
What's Your Reaction?






