तमाम कोशिश करने के बाद भी EVM को गलत साबित नहीं कर पाए विपक्षी नेता

कई देश और राज्यों की सरकारें चुनावी माहौल में कई तरह के वादे करती है, जैसे केजरीवाल ने दिल्ली में महिला सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी लगाने की बात की थी, रोडवेज बसों में GPS जैसे टेक्नोलॉजी प्रयोग करने की बात हो, ये सभी वादे चुनावी वादों को पूरा करने के लिए टेक्नोलॉजी के प्रयोग को दर्शाता है I
चुनावी माहौल में भ्रम फैलाने के लिए इलक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का प्रयोग करके समाज में अस्थिरता पैदा की जाती है, लेकिन जब भ्रम फैलाने वाले नेताओं का राजनीतिक जीवन ख़तरे में दिखाई देता है तब ईवीएम असुरक्षित हो जाता हैI,
सबसे ज़्यादा दुख की बात ये है कि इजराइल जैसे देशों में बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग किया जाता है, अपराधियों को पकड़ने के लिए इंटेलिजेंस सर्विलेंस सिस्टम, कॉल मॉनिटरिंग, दो देशों के बीच सीमा पर 24 घंटे सेटलाइट से निगरानी की जाती है, लेकिन उसी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का प्रयोग चुनाव के दौरान वोटिंग के लिए नहीं किया सकता I
कुल मिलकर बात बस इतनी है कि पहले जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे तो मतपेटियां लूटने से बूथों पर कब्जे की कहानियां सुनाई पड़ती थीं, और अब ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगते हैं लेकिन भारत में किसी भी देश से अभी तक ईवीएम को हैक करने का प्रमाण सामने नहीं आया हैI read more
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