दोस्ती का हाथ, बांग्ला में बात! पीएम मोदी का बांग्लादेश को बड़ा संदेश

थाईलैंड में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस की द्विपक्षीय मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। यह मुलाकात सिर्फ कूटनीतिक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसके ज़रिए पीएम मोदी ने कई अहम संदेश साफ तौर पर बांग्लादेश को दिए हैं।
बांग्ला में पोस्ट, दिल से संवाद
पीएम मोदी ने इस मुलाकात के बाद बांग्ला भाषा में सोशल मीडिया पोस्ट कर यह जताया कि भारत और बंगालियों के बीच दिलों का रिश्ता है। यह संदेश सिर्फ मुहम्मद यूनुस को नहीं बल्कि पूरे बांग्लादेश की जनता को था—यह जताने के लिए कि भारत हमेशा उनके साथ खड़ा है।
लोकतंत्र का पाठ
बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक अस्थिरता, हिंसा और अराजकता के बीच पीएम मोदी ने शांति, स्थिरता, समावेश और लोकतंत्र (Peace, Stability, Inclusivity, Democracy – PSID) का संदेश देकर यह साफ कर दिया कि भारत अपने पड़ोसी देशों में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को अहम मानता है। इस संदेश के ज़रिए उन्होंने बांग्लादेश को स्थिर और जनहितकारी शासन की ओर प्रेरित करने की कोशिश की।
अवैध घुसपैठ पर सख्ती जरूरी
पीएम मोदी ने सीमा पार से हो रही अवैध घुसपैठ के मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाया। यह भारत के लिए लंबे समय से एक सुरक्षा और सामाजिक चिंता का विषय रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने मुहम्मद यूनुस से आग्रह किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए। यह भारत की वर्षों पुरानी चिंता रही है और इस बार पीएम मोदी ने इसे खुलकर सामने रखा।
पीएम मोदी का यह बांग्लादेश-केंद्रित पोस्ट और मुलाकात, सिर्फ कूटनीति नहीं बल्कि रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने मित्रता, मानवाधिकार और लोकतंत्र की बातें कर एक साथ कई संदेश बांग्लादेश को दे दिए। यह दिखाता है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत लेकिन मूल्यों पर आधारित संबंध चाहता है।
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