भारत-रूस ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया 14वां 'इंद्रा' नौसैनिक अभ्यास 28 मार्च - 2 अप्रैल, 2025 | रक्षा संवाददाता

भारत और रूस ने 28 मार्च से 2 अप्रैल, 2025 तक 'इंद्रा 2025' नामक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का सफल आयोजन किया। यह इस अभ्यास श्रृंखला का 14वां संस्करण था, जो दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
'इंद्रा 2025' में संरचित अभ्यासों, जटिल युद्धाभ्यासों और नकली मुठभेड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। इन गतिविधियों का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन (interoperability) को बढ़ाना और साझा समुद्री खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने की क्षमता को मजबूत करना था।
अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाओं ने संयुक्त युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे परिचालन समन्वय में उल्लेखनीय सुधार हुआ। यह अभ्यास न केवल परिचालन अनुभव प्रदान करता है, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समुद्री व्यवस्था बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता को भी मजबूत करता है।
इस अभ्यास के माध्यम से दोनों पक्षों ने सर्वोत्तम सैन्य प्रथाओं का आदान-प्रदान किया, जिससे एक-दूसरे के कार्य सिद्धांतों की बेहतर समझ विकसित हुई। इससे जटिल समुद्री परिदृश्यों में संयुक्त रूप से संचालन करने की उनकी क्षमता में भी वृद्धि हुई है।
'इंद्रा' श्रृंखला की पृष्ठभूमि
2003 में शुरू हुई यह श्रृंखला भारत-रूस रक्षा सहयोग की आधारशिला मानी जाती है। यह द्विपक्षीय पहल समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों देशों की साझा दृष्टि को दर्शाती है और यह स्पष्ट संकेत देती है कि वैश्विक खतरों से निपटने के लिए सहयोगात्मक रणनीति आवश्यक है।
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