बंगलादेश जैसी स्थिति से बचने के लिए दिल्ली में 2 हजार से ज्यादा Hindu महिलाओं ने लिया शस्त्र दीक्षा कार्यक्रम में हिस्सा..

Jan 12, 2025 - 17:12
Jan 26, 2025 - 18:18
 0  21
बंगलादेश जैसी स्थिति से बचने के लिए दिल्ली में 2 हजार से ज्यादा Hindu महिलाओं ने लिया शस्त्र दीक्षा कार्यक्रम में हिस्सा..

विश्व हिंदू परिषद और दुर्गावाहिनी दिल्ली प्रांत की ओर से आज दिल्ली में बहन बेटियों की आत्मरक्षा की दृष्टि से शस्त्र दीक्षा ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया , जिसमें करीब दो हजार बहनों ने सहभागिता की। 

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित दुर्गावाहिनी की राष्ट्रीय संयोजिका सुश्री प्रज्ञा महाला ने अपने संबोधन में कहा कि शस्त्र दीक्षा समारोह का मतलब है कि हमे अपनी शक्ति का स्वयं प्रदर्शन करना है!शस्त्र और शास्त्र दोनों धारण करने से विवेक जागता है और जब विवेक जागता है तो मातृभूमि और संस्कृति बचाने के लिए सामर्थ्य जागता है। 

उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी देश इस्लाम बहुल बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध जो अत्याचार हो रहे हैं वो परिस्थिति भारत वर्ष में भी पैदा हो सकती है। हिंदू समाज में ये चेतना जगाना बहुत जरूरी है। 

सुश्री महाला ने उपस्थित बहन बेटियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम हमेशा अपने भाई और पिता पर सुरक्षा के लिए निर्भर रहते हैं, हमे आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। हमे शस्त्र धारण करना पड़ेगा, हमे माता दुर्गा का शस्त्र धारण करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि 1947 में भारत पाकिस्तान का विभाजन हुआ, धर्म के आधार पर और कहा गया कि एक पाकिस्तान बनेगा जहाँ मुसलमान रहेंगे, एक हिंदुस्तान बनेगा जहां हिन्दू रहेंगे,लेकिन हमें हिन्दू राष्ट्र का दर्जा नहीं मिला।

सुश्री महाला ने आगे कहा कि हमे हमेशा सिखाया गया हिन्दू मुस्लिम भाई भाई ,किन्तु जो मेरी माँ को माँ नहीं समझ सकता, जो हमारी बहनों को बहन नहीं मान सकता वो कदाचित हमारा भाई नहीं हो सकता। 

उन्होंने कहा कि जब विभाजन हुआ तब यहाँ से मुसलमान सुख शांति से सीमा पार गए लेकिन पाकिस्तान से आये हिन्दू अपनी सब कुछ छोड़कर आने को बाध्य हुए। हिन्दू पाकिस्तान से विस्थापित हो रहे थे तब पाकिस्तान में यही घोषणा हो रही थी कि सब जाओ लेकिन अपनी सम्प्पत्ति छोड़कर जाओ। उन अधर्मियो के लिए सम्पत्ति का मतलब हिन्दुओं की बहन बेटियां थी। ये कितना पीड़ादायक था ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow