हिमाचल प्रदेश में खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थकों द्वारा जबरदस्ती पोस्टर और झंडे लगाने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। पंजाब से आए सिख युवकों द्वारा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भिंडरावाले के झंडे लगाने को लेकर स्थानीय लोगों से झगड़े की घटनाएं सामने आई हैं। अब यह विवाद हिमाचल प्रदेश से पंजाब जाने वाली बसों तक पहुँच चुका है।
बसों पर जबरन लगाए गए पोस्टर
दल खालसा ने धमकी दी है कि यदि हिमाचल की किसी भी बस पर भिंडरावाले का पोस्टर नहीं होगा, तो उसे पंजाब में घुसने नहीं दिया जाएगा। इस बयान के बाद हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) की बसों को निशाना बनाया गया है। पंजाब में प्रवेश करते ही हिमाचल की बसों और निजी गाड़ियों पर जबरन भिंडरावाले के पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं।
होला मोहल्ला से शुरू हुआ विवाद
यह पूरा विवाद सिखों के होला मोहल्ला पर्व (14 मार्च, 2025) के दौरान शुरू हुआ, जब बड़ी संख्या में पंजाब के लोग कुल्लू के मणिकर्ण गुरुद्वारा में दर्शन करने आए। हाल के वर्षों में पंजाब से आने वाले बाइक सवार युवकों के हुड़दंग की घटनाएं सामने आती रही हैं।
15 मार्च, 2025 को मनाली के छियाल इलाके में दो युवकों की बाइक पर भिंडरावाले का झंडा लगा हुआ था। जब एक स्थानीय नागरिक सुभाष ठाकुर ने उनसे झंडा हटाने को कहा, तो दोनों युवकों ने इनकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। इसी तरह की दूसरी घटना में स्थानीय लोगों और पुलिस के साथ बहस हुई, जिसमें सिख युवकों को झंडा उतारने के लिए कहा गया था।
पुलिस पर नरमी बरतने के आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि हिमाचल पुलिस इन घटनाओं को गंभीरता से नहीं ले रही है। कई जगहों पर पुलिसवालों को भी सिख युवकों से उलझते हुए देखा गया है, लेकिन अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।
सुरक्षा व्यवस्था होगी कड़ी
इस पूरे विवाद के बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस ने बयान दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों और बिना वैध कागजात के वाहनों को हिमाचल प्रदेश में लाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सीमा पर भी सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा ताकि बाहरी उपद्रवी तत्व राज्य में अशांति न फैला सकें।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
हिमाचल प्रदेश में स्थानीय लोग इस तरह की जबरदस्ती और धमकियों से नाराज हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि राज्य में शांति भंग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और किसी भी तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और दोनों राज्यों के बीच तनाव की स्थिति बनती दिख रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। साथ ही, पंजाब सरकार को भी अपने राज्य के कट्टरपंथी तत्वों पर कार्रवाई करनी होगी ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।