जानिए कौन हैं वह नाविक जिन्होंने महाकुम्भ में 45 दिन में कमाए ₹30 करोड़, सीएम योगी ने खुद दी जानकारी

Mar 5, 2025 - 12:48
Apr 3, 2025 - 13:36
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जानिए कौन हैं वह नाविक जिन्होंने महाकुम्भ में 45 दिन में कमाए ₹30 करोड़, सीएम योगी ने खुद दी जानकारी

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार, 4 मार्च 2025 को बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ से जुड़े अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का जिक्र किया। उन्होंने एक नाविक परिवार की कहानी साझा करते हुए बताया कि इस परिवार के पास 130 नौकाएँ थीं, और महाकुंभ के 45 दिनों में उन्होंने ₹30 करोड़ की बचत की।

नाविकों की कमाई का गणित

सीएम योगी के अनुसार, अगर इस नाविक परिवार ने 130 नौकाओं से ₹30 करोड़ कमाए, तो एक नाव ने औसतन 45 दिनों में ₹23 लाख की कमाई की। इस हिसाब से हर नाव ने प्रतिदिन ₹50,000 से ₹52,000 तक की कमाई की।

कैसे हुई इतनी बड़ी कमाई?

महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुँचे और स्नान के लिए नावों का उपयोग किया। इसके कारण नाविकों की मांग बहुत अधिक बढ़ गई, जिससे उनकी आमदनी में जबरदस्त उछाल आया।

1. बड़ी संख्या में श्रद्धालु: महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं, जिससे नाव सेवाओं की मांग बढ़ जाती है।


2. महँगे किराए: महाकुंभ के दौरान नाव का किराया सामान्य दिनों की तुलना में अधिक रहता है।


3. सरकारी प्रोत्साहन: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्थानीय व्यापारियों और नाविकों के लिए विशेष सुविधाएँ दीं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई।


4. लॉजिस्टिक्स का बेहतर प्रबंधन: संगम तट पर नाविकों को सुचारू रूप से काम करने के लिए उचित स्थान और सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं।

महाकुंभ और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था

सीएम योगी ने महाकुंभ आयोजन को लेकर किए गए खर्च और उससे राज्य की अर्थव्यवस्था को हुए लाभ के बारे में भी चर्चा की।

बढ़ी हुई पर्यटन आय: महाकुंभ के कारण होटलों, टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, और स्थानीय व्यापारियों को बड़ी आमदनी हुई।

रोजगार के अवसर: महाकुंभ के दौरान लाखों लोगों को अस्थायी रोजगार मिला, जिसमें नाविक, दुकानदार, टूर गाइड, होटल कर्मचारी आदि शामिल थे।

आर्थिक गतिविधियों में उछाल: राज्य सरकार ने महाकुंभ आयोजन पर जो निवेश किया था, उससे कई गुना अधिक राजस्व प्राप्त हुआ।


योगी सरकार की रणनीति

योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाकुंभ को न केवल धार्मिक आयोजन के रूप में बल्कि आर्थिक विकास के अवसर के रूप में भी देखा। प्रयागराज में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाया गया, जिससे यह आयोजन स्मार्ट कुंभ के रूप में जाना गया।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियाँ लागू की गईं

स्थानीय व्यापारियों को अधिक मुनाफा कमाने के अवसर मिले

डिजिटल पेमेंट और आधुनिक सुविधाओं को बढ़ावा दिया गया


निष्कर्ष

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों, नाविकों और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर भी है। एक नाविक परिवार द्वारा 45 दिनों में ₹30 करोड़ की कमाई इस बात का सबूत है कि महाकुंभ ने हजारों लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया। सीएम योगी के अनुसार, आने वाले वर्षों में सरकार इसी तरह धार्मिक पर्यटन को आर्थिक समृद्धि का साधन बनाने पर कार्य करेगी।

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