धर्मांतरण कराने वाले अब खुद हो रहे हैं धर्मांतरण के शिकार, मुस्लिम और ईसाइयों के बीच छिड़ी जंग

Mar 5, 2025 - 12:28
Apr 3, 2025 - 13:35
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धर्मांतरण कराने वाले अब खुद हो रहे हैं धर्मांतरण के शिकार, मुस्लिम और ईसाइयों के बीच छिड़ी जंग

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामले लगातार चर्चा में बने हुए हैं। पहले जहाँ ईसाई मिशनरियाँ हिंदू धर्म के अनुयायियों को लालच देकर ईसाई बना रही थीं, अब वे मुस्लिम समुदाय को भी निशाना बना रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईसाई मिशनरियाँ मुस्लिमों को आर्थिक प्रलोभन देकर ईसाई बना रही हैं, जिसके चलते कई मुस्लिम परिवारों ने मस्जिद जाना छोड़ दिया है और उनके घरों में ईसा मसीह की तस्वीरें लगाई जा रही हैं।

कैसे हो रहा है धर्मांतरण?

धर्मांतरण के लिए मिशनरियाँ कई तरह के लालच दे रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि कोई मुस्लिम परिवार ईसाई धर्म अपनाता है, तो उसे ₹20,000 तक की आर्थिक मदद दी जाती है। इसके अलावा, यदि कोई मुस्लिम लड़की ईसाई लड़के से शादी करती है, तो उसे ₹15,000 का बोनस दिया जाता है।

बच्चों की मुफ्त शिक्षा – ईसाई धर्म अपनाने वालों के बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जा रही है।

रोज़गार का लालच – मुस्लिम युवाओं को चर्च से जुड़े सामाजिक संगठनों में नौकरी दिलाने का वादा किया जा रहा है।

सुरक्षा की गारंटी – गरीब तबके के मुस्लिमों को यह भरोसा दिलाया जा रहा है कि ईसाई बनने से वे अधिक सुरक्षित रहेंगे।


कहाँ हो रहे हैं सबसे ज्यादा धर्मांतरण?

धर्मांतरण की ये घटनाएँ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिल रही हैं। खासकर नेपाल सीमा से सटे श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर और गोंडा जैसे जिलों में यह ट्रेंड तेज़ी से बढ़ रहा है।

फरवरी 2025 में सीतापुर के हरगाँव और सिधौली में 6 मुस्लिम परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया।

अंबेडकरनगर और सुल्तानपुर में भी 10 मुस्लिम परिवारों ने चर्च जाना शुरू कर दिया।


क्या कहते हैं धर्मगुरु?

मुस्लिम उलेमा इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुस्लिम युवाओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराया जा रहा है, जो इस्लाम के खिलाफ है। वहीं, हिंदू संगठनों का कहना है कि मिशनरियाँ पहले हिंदुओं को निशाना बना रही थीं, लेकिन जब उनका विरोध हुआ, तो अब उन्होंने मुस्लिमों को टारगेट करना शुरू कर दिया।

सरकार और पुलिस की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है।

सुरक्षा एजेंसियाँ इस नेटवर्क पर नजर रख रही हैं और हवाला के जरिए विदेश से आ रहे पैसे की जाँच कर रही हैं।

धर्मांतरण कानून के तहत कई जिलों में जाँच शुरू कर दी गई है।

IG अमित पाठक ने एसपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि जबरन या लालच देकर कराए जा रहे धर्मांतरण पर तुरंत कार्रवाई की जाए।


निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश में ईसाई मिशनरियों और मुस्लिमों के बीच धर्मांतरण की होड़ एक नया ट्रेंड बन गया है। पहले मिशनरियों का निशाना हिंदू समाज था, लेकिन अब वे मुस्लिमों को भी ईसाई बनाने में जुटे हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस पर सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। धर्म का परिवर्तन व्यक्तिगत इच्छा से होना चाहिए, न कि किसी प्रलोभन या दबाव में।

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