21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार देश की शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण: पीएम मोदी

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (वेब वार्ता) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित 'युग्म कॉन्क्लेव' में देश की शिक्षा प्रणाली के आधुनिकीकरण पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर है, इसलिए यह जरूरी है कि हम उन्हें भारत के उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम 21वीं सदी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बना रहे हैं। नई शिक्षा नीति इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बदल रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि कक्षा 1 से 7 तक के लिए नई पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा चुकी हैं और प्रधानमंत्री ई-विद्या तथा दीक्षा जैसे प्लेटफॉर्म भारत में एकीकृत शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं। ये प्लेटफॉर्म छात्रों को डिजिटल तरीके से बेहतर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना आवश्यक है, और इसी दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दीक्षा मंच के तहत वन नेशन, वन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है, जो एआई द्वारा संचालित है। इसके द्वारा छात्रों को विश्व स्तरीय शोध पत्रिकाओं तक आसान पहुंच मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत के विश्वविद्यालय आज नवाचार और सफलता के केंद्र बन चुके हैं, जहां युवा पीढ़ी नए आइडिया और समाधान पेश कर रही है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप की शुरुआत की गई है, ताकि भारतीय युवाओं को शोध के क्षेत्र में मदद मिल सके।
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