भारत-अमेरिका व्यापार में नया युग: 2030 तक 42 ट्रिलियन का कारोबार, टैरिफ में ऐतिहासिक कटौती संभव

नई दिल्ली, 16 अप्रैल – भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ते अब एक नए और निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहे हैं। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए "टर्म्स ऑफ रेफरेंस" पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे आने वाले वर्षों में व्यापार में ऐतिहासिक वृद्धि की उम्मीद है।
2030 तक $500 अरब (42 ट्रिलियन) का लक्ष्य
भारत और अमेरिका ने मिलकर यह लक्ष्य तय किया है कि वर्ष 2030 तक आपसी व्यापार को $500 अरब (42 ट्रिलियन रुपये) तक पहुँचाया जाएगा। इस दिशा में रणनीतिक योजना के तहत अप्रैल में वर्चुअल मीटिंग और मई में आमने-सामने की मुलाकातें होंगी।
टैरिफ कटौती से नया मौका
भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह अमेरिका से होने वाले $23 अरब के आयात पर 50% से ज्यादा टैरिफ घटाने के लिए तैयार है। यह अब तक की सबसे बड़ी टैरिफ कटौती हो सकती है, जो भारतीय बाजार को वैश्विक व्यापार के लिए और खुला बनाएगी।
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से राहत
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत कई देशों को दी गई 90 दिनों की टैरिफ राहत से भारतीय निर्यातकों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। यह कदम व्यापार सहयोग को नई दिशा देने में सहायक होगा।
रणनीति में रक्षा और ऊर्जा आयात
भारत ने अमेरिका से रक्षा उत्पादों और ऊर्जा आयात बढ़ाने की बात कही है। इससे दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग और आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी।
यह डील केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि भविष्य के रणनीतिक संबंधों की नींव भी है। भारत-अमेरिका सहयोग अब सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह तकनीकी, रक्षा, ऊर्जा और वैश्विक कूटनीति के क्षेत्रों में भी नई ऊंचाइयाँ छू सकता है।
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