अब आएगा असली मजा ! भारत के इस एक फैसले ने चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है

भारत अब रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जहां चीन पहले ही पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट जे-35ए और जे-20 विकसित कर चुका है, वहीं पाकिस्तान भी चीन के साथ मिलकर इन विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रहा है। इस चुनौती को देखते हुए, भारत ने अपने पहले स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के विकास को तेज करने का निर्णय लिया है।
तेजी से हो रहा है AMCA का विकास
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति इसका नेतृत्व कर रही है। इस समिति में भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल एसपी धारकर, रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार, डीआरडीओ और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। यह समिति जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिससे विकास कार्यों में और तेजी आएगी।
भारत को क्यों है इसकी जरूरत?
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास केवल 31 स्क्वाड्रन (1 स्क्वाड्रन = 18 फाइटर जेट) हैं, जबकि वायुसेना को कम से कम 48 स्क्वाड्रन की जरूरत है। आने वाले वर्षों में वायुसेना के कई पुराने स्क्वाड्रन सेवानिवृत्त हो जाएंगे, जिससे यह कमी और बढ़ सकती है। ऐसे में AMCA प्रोजेक्ट भारतीय वायुसेना को नई ताकत देगा।
15,000 करोड़ रुपये की मंजूरी
मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 15,000 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इस विमान को 2035 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, हालांकि सरकार इसे पहले पूरा करने की कोशिश कर रही है।
तकनीकी विशेषताएं
AMCA को स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस किया जाएगा, जिससे यह राडार की पकड़ में नहीं आएगा। इसमें AI-संचालित इलेक्ट्रॉनिक पायलट सिस्टम, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम और एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन जैसी उन्नत सुविधाएं होंगी।
इंजन और उत्पादन में विदेशी कंपनियों से साझेदारी
भारत अपने 100 किलोन्यूटन थ्रस्ट-क्लास इंजन के स्वदेशी विकास पर विचार कर रहा है। इसके लिए अमेरिकी जनरल इलेक्ट्रिक, फ्रांसीसी सफ्रान और ब्रिटिश रोल्स रॉयस जैसी कंपनियों से साझेदारी की जाएगी।
वायुसेना में होंगे 7 स्क्वाड्रन
भारतीय वायुसेना ने 7 स्क्वाड्रन (126 जेट) AMCA को शामिल करने की योजना बनाई है।
पहले दो स्क्वाड्रनों में GE-F414 इंजन (98 किलोन्यूटन) होंगे।
अगले 5 स्क्वाड्रनों में 100 किलोन्यूटन इंजन होंगे।
इसके अलावा, भारत 180 तेजस मार्क-1ए और 108 तेजस मार्क-2 जेट को भी धीरे-धीरे वायुसेना में शामिल करेगा।
भारत की नई रणनीति
भारत की इस नई पहल से चीन और पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं। जहां पाकिस्तान 40 जे-35ए स्टील्थ जेट खरीदने की योजना बना रहा है, वहीं चीन ने पहले ही जे-20 लड़ाकू विमान को भारत के खिलाफ तैनात कर दिया है। ऐसे में AMCA प्रोजेक्ट भारत की वायुसेना को नई ताकत देगा और दुश्मनों को करारा जवाब देने में सक्षम बनाएगा।
AMCA प्रोजेक्ट भारत की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके जरिए भारत न केवल अपनी वायुसेना को मजबूत करेगा बल्कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम उठाएगा। यदि यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो जाता है, तो भारत रक्षा क्षेत्र में एक नई शक्ति बनकर उभरेगा।
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