आज से चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू, 'आधार' अनिवार्य, जानिए कब से खुलेंगे मंदिरों के कपाट

उत्तराखंड की आध्यात्मिक यात्रा ‘चारधाम यात्रा’ के लिए श्रद्धालुओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। इस बार रजिस्ट्रेशन आधार-आधारित होगा, जिससे हर श्रद्धालु की पूरी जानकारी अपडेट रहेगी और यात्रा को सुगम बनाया जा सकेगा।
कब खुलेंगे चारधाम के कपाट?
चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल 2025 को होगा। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इसके बाद,
2 मई को केदारनाथ धाम
4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड सरकार ने पहली बार आधार प्रमाणित ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था लागू की है, जिससे यात्रा अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो सकेगी।
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रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी?
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। इस प्रक्रिया से यात्रा को अधिक सुचारू और सुरक्षित बनाया जाएगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद, श्रद्धालुओं को धामों में पहुंचने पर दर्शन टोकन प्राप्त करना होगा, जिससे वे बिना लंबी कतारों में लगे दर्शन कर सकेंगे।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
श्रद्धालु सरकारी वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
यात्रा शुरू करने से पहले आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की सटीक जानकारी दर्ज करना अनिवार्य है।
हेली सेवा के लिए टिकट heliyatra.irctc.co.in पर ही बुक करें।
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यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को ध्यान रखने योग्य बातें
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक होगा:
✔ यात्रा के लिए जरूरी सामान साथ रखें: ऊनी कपड़े, छाता, रेनकोट, आवश्यक दवाइयां आदि।
✔ वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल जांच आवश्यक: स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होने पर यात्रा टाल दें।
✔ दर्शन टोकन अवश्य प्राप्त करें: बिना टोकन दर्शन नहीं किए जा सकेंगे।
✔ पर्यावरण की सुरक्षा: यात्रा मार्ग पर गंदगी न फैलाएं और प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखें।
✔ वाहनों की गति सीमा का पालन करें: सुरक्षित यात्रा के लिए उचित स्थान पर वाहन पार्क करें।
✔ अस्वस्थ महसूस करने पर यात्रा न करें।
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प्रधानमंत्री मोदी का ‘365 दिनों का पर्यटन’ विजन
उत्तराखंड के हरसिल में 6 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कोई "ऑफ सीजन" नहीं होना चाहिए और पर्यटन को पूरे साल चलाने की योजना बनाई जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और ‘360-डिग्री पर्यटन दृष्टिकोण’ अपनाने की वकालत की, जिससे पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
उत्तराखंड सरकार का प्रयास: सर्दियों में भी चारधाम यात्रा
उत्तराखंड सरकार सर्दियों में भी चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के प्रयास कर रही है। इस पहल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और होमस्टे, पर्यटन एवं अन्य रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
चारधाम यात्रा 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। श्रद्धालु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर यात्रा को सुगम बना सकते हैं। आधार-आधारित पंजीकरण और दर्शन टोकन की व्यवस्था से भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी। वहीं, सरकार बारहमासी पर्यटन को बढ़ावा देकर उत्तराखंड को पूरे साल का पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रयासरत है।
यदि आप भी चारधाम यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, तो आज ही अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाएं और इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनें!
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