पाकिस्तान की फिर हुई इंटरनेशनल बेइज्जती, अमेरिका पहुंचे राजदूत को एयरपोर्ट से ही वापस लौटाया.. जानिए क्या हैं मामला

Mar 11, 2025 - 11:13
Apr 3, 2025 - 13:41
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पाकिस्तान की फिर हुई इंटरनेशनल बेइज्जती, अमेरिका पहुंचे राजदूत को एयरपोर्ट से ही वापस लौटाया.. जानिए क्या हैं मामला

 पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब तुर्कमेनिस्तान में नियुक्त पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसन वागन को अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया गया। लॉस एंजेल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें रोककर वापस भेज दिया, जबकि उनके पास वैध वीजा था।

घटना का पूरा विवरण

सोमवार को, अहसन वागन अमेरिका के लॉस एंजेल्स हवाई अड्डे पर पहुंचे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे एक निजी यात्रा पर थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें देश में घुसने की अनुमति नहीं दी। कुछ घंटों तक पूछताछ के बाद उन्हें तुरंत वापस भेज दिया गया।

यह घटना पाकिस्तान के लिए एक और अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती का कारण बनी, क्योंकि उनके एक वरिष्ठ राजनयिक को बिना किसी ठोस स्पष्टीकरण के अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया गया।

क्यों हुई एंट्री बैन?

अमेरिकी अधिकारियों की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, अहसन वागन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जो उनके पहले के अमेरिकी कार्यकाल से जुड़े हो सकते हैं। इस वजह से उन्हें अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार:

अहसन वागन पहले अमेरिका में पाकिस्तान के राजनयिक मिशन का हिस्सा रह चुके हैं।

उनके कार्यकाल के दौरान कुछ विवादास्पद वित्तीय लेनदेन हुए थे, जिनकी जांच अमेरिकी एजेंसियों ने की थी।

इन्हीं आरोपों के कारण उनका वीजा होने के बावजूद अमेरिका में प्रवेश अवरुद्ध कर दिया गया।


पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार को इस बारे में सूचित किया गया है।

लॉस एंजेल्स में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास को मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए गए हैं।

पाकिस्तान सरकार अमेरिका से इस घटना पर औपचारिक स्पष्टीकरण मांग सकती है। 


अहसन वागन का प्रोफाइल

के.के. अहसन वागन 1994 में पाकिस्तान की विदेश सेवा (Foreign Service of Pakistan) में शामिल हुए थे। उन्होंने कई देशों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें नेपाल, अमेरिका, ओमान और नाइजर शामिल हैं।

2024 में उन्हें तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त किया गया था।

इससे पहले वे अमेरिका में पाकिस्तान के मिशन में कार्यरत थे।

उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जो इस विवाद का कारण हो सकते हैं।


क्या यह पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में नया विवाद खड़ा करेगा?

यह घटना पहले से ही तनावपूर्ण पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों को और खराब कर सकती है।

पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अमेरिका उसकी वित्तीय मदद का एक बड़ा स्रोत है।

इसके अलावा, आतंकवाद पर अमेरिकी नीतियां और पाकिस्तान की भूमिका भी दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बनती रही हैं।

इस घटना के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के राजनयिक संबंधों में नई दरार आ सकती है।

जाहिर सी बात हैं पाकिस्तान के लिए यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और शर्मिंदगी है। पहले से ही कमजोर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे पाकिस्तान को अब कूटनीतिक मोर्चे पर भी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। अमेरिका द्वारा उनके राजदूत को देश में घुसने से रोकना इस बात का संकेत है कि वॉशिंगटन अब इस्लामाबाद को लेकर और अधिक सख्त रवैया अपना सकता है।

अब देखना होगा कि पाकिस्तान इस मुद्दे को किस तरह से संभालता है और अमेरिका से इसे लेकर किस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है।

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