दिल्ली में बिजली कटौती पर सियासत तेज, लेकिन हकीकत कुछ और

दिल्ली में हाल ही में बिजली कटौती को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। एक तरफ जहां बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया, वहीं दूसरी तरफ कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने दावा किया कि दिल्ली के कई इलाकों में बिजली संकट गहरा गया है और लोग फिर से इन्वर्टर खरीदने को मजबूर हो गए हैं।
लेकिन क्या सच में दिल्ली बिजली संकट से जूझ रही है? या यह महज एक राजनीतिक बयानबाजी है?
एजेंडा इंडिया की टीम ने जब इस मुद्दे की जमीनी हकीकत जानने के लिए उन इलाकों के आम लोगो से बातचीत की तो हकीकत कुछ और ही निकला,जिनका जिक्र आतिशी ने अपने बयान में किया था,धरातल पर ऐसा कुछ था ही नहीं
क्या वाकई संगम विहार, उत्तम नगर और विकासपुरी में बिजली संकट है?
आतिशी ने अपने बयान में दावा किया कि संगम विहार, उत्तम नगर और विकासपुरी जैसे इलाकों में लंबे समय तक बिजली कट रही है, जिससे लोग इन्वर्टर खरीदने पर मजबूर हो गए हैं। लेकिन जब हमारी टीम इन इलाकों के स्थानीय निवासियों से बात की, तो जो सच्चाई सामने आई, वह इस दावे से बिल्कुल उलट थी।
संगम विहार: यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि बिजली की स्थिति पहले जैसी ही है। हल्की-फुल्की कटौती तो कभी-कभार होती है, लेकिन इसे किसी बड़े संकट के रूप में नहीं देखा जा सकता।
उत्तम नगर: यहां के दुकानदारों ने भी इस तरह की किसी परेशानी से इनकार किया। एक दुकानदार ने कहा, "बिजली कटौती की कोई गंभीर समस्या नहीं है। इन्वर्टर की बिक्री मैं भी कोई खासी बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है, जैसा गर्मियों की तैयारी में हर साल ऐसा होता है, अभी भी लगे वैसा ही हाल है
विकासपुरी: यहां रहने वाले कई लोगों ने भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में बिजली आपूर्ति सामान्य रही है और किसी तरह की बड़ी कटौती नहीं हुई।
सीमापुरी : सीमापुरी के स्थानीय लोगों से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि आतिशी का यह आरोप बेबुनियाद हैं.. और यहां पर बिजली के आपूर्ति में कोई कटौती नहीं है
बीजेपी का पलटवार
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, "दिल्ली में बिजली व्यवस्था बिल्कुल सामान्य है। आम आदमी पार्टी अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए जनता को भ्रमित कर रही है।"
बीजेपी का कहना है कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति निजी कंपनियों के जरिए होती है और AAP सरकार खुद इनके साथ मिलकर काम करती है। ऐसे में बिजली कटौती की स्थिति में जिम्मेदारी से भागना सही नहीं है।
तो क्या यह सिर्फ राजनीति है?
दिल्ली में बिजली आपूर्ति मुख्य रूप से टाटा पावर, बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी जैसी निजी कंपनियों के जिम्मे है। ये कंपनियां केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं। अगर दिल्ली में वाकई गंभीर बिजली संकट होता, तो इसका असर व्यापक रूप से दिखता, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
वैसे तो दिल्ली में बिजली कटौती पर छिड़ी सियासी जंग में आरोप-प्रत्यारोप तो खूब हो रहे हैं, लेकिन जब हकीकत की पड़ताल की गई, तो आम आदमी पार्टी के दावे कमजोर साबित हुए। संगम विहार, उत्तम नगर और विकासपुरी में रहने वाले लोग किसी बड़े बिजली संकट की बात से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह मामला अधिकतर राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा बन चुका है, जबकि ज़मीनी हालात इससे काफी अलग हैं।
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