क्या लगता है...सच्चाई के आंसू बहा रहे हैं या मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं रणवीर अलाहाबादिया..?

कॉमेडी के नाम पर भद्दा मजाक करने वाले रणवीर अलाहबादिया अब आंसू बहा रहे हैं... आंसू जब कोई शख्स बहाता है तो उसमें पश्चाताप होता है, समर्पण होता है और उसका मन निश्चल हो जाता है... मगर जब कोई व्यक्ति अपने डूबते हुए पैसों के साम्राज्य.. अपनी बड़ी छवि को बचाने के लिए आंसू बहाता है तब उन्हें इंसानियत के नहीं बल्कि मगरमच्छ के आंसू कहा जाता है।
मां-बाप को लेकर भद्दा कमेंट करने वाले रणवीर इलाहाबादिया, उनकी दोस्त मखीजा की खूब सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है.. ऐसे में रणवीर रोते हुए अपनी वीडियो जानबूझकर बना रहे हैं.. सोशल मीडिया यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि यदि उनके मन में सच्चा पश्चाताप था तो तभी उन्हें माफी मांगनी चाहिए थी जब यह वीडियो वायरल हुए थे... मगर जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कार्रवाई की बात कही तब फिर उसके बाद रणवीर सामने आए.. जब उनके शो के सेट पर मुंबई पुलिस पहुंच गई तब जाकर उनका वीडियो माफ़ीनामे के तौर पर सामने आया.. और गौर करने वाली बात यह भी है कि अब तक सिर्फ रणवीर ने ही माफी मांगी है जबकि उनके दूसरे दोस्त विदेश फरार हो चुके हैं..और पूजा मखीजा ने अबतक कोई बयान नहीं दिया है.
देश भर में हो रही आलोचना... संसद में उठे अश्लीलता के मुद्दे.. महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई के बढ़ते हुए दबाव के बाद.. रणवीर इलाहाबादिया अपने रोते हुए वीडियो वायरल कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि जिस तरह से वह कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता फैलाकर आंखों में धूल झोंक रहे थे ...एक बार फिर से पश्चाताप के नाम पर किये जा रहे ड्रामे के साथ वह फिर से आंखों में धूल झोंक देंगे...मगर देश की जनता सब समझती है....
ये इंसानियत के नहीं बल्कि मगरमच्छ के आंसू हैं जो डूबता बिजनेस, गिरती लोकप्रियता , चारों तरफ होती आलोचना, दर्ज हो रहे केस के कारण सामने आ रहे हैं... इस केस के बाद देश के युवाओं को सोचना चाहिए कि सच्चे ह्यूमर के नाम पर अश्लीलता और भद्दे कमेंट फैला रहे ऐसे धब्बों को लेकर समाज को किस तरह गंभीर होना है और सामूहिक तौर पर लगे इन दागों की धुलाई करनी है ताकि सभ्यता-संस्कृति की अक्षुण्णता कायम रहा सके।
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