सिर्फ 4 घंटे में बदला साबरमती नदी का स्वरूप.. जब CM बनते ही मोदी जी ने गुजरात मे किया था कमाल

Mar 12, 2025 - 11:05
Apr 3, 2025 - 13:47
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सिर्फ 4 घंटे में बदला साबरमती नदी का स्वरूप.. जब CM बनते ही मोदी जी ने गुजरात मे किया था कमाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी दूरदर्शिता, अनुशासन और अद्वितीय कार्यशैली के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में भारत की विकास गाथा नई ऊंचाइयों को छू रही है। जब भी इतिहास के पन्ने पलटे जाएंगे, तो नरेंद्र मोदी के सफर से नेतृत्व, संकल्प और कर्मठता के अनेक सबक सीखने को मिलेंगे।
 
2001: गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहला बड़ा फैसला
 
नरेंद्र मोदी जब साल 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत ही त्वरित और प्रभावी फैसलों से की। शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने गुजरात के सबसे अहम मुद्दे – जल संकट पर ठोस कदम उठाया।
 
साबरमती नदी, जो गुजरात की जीवनरेखा मानी जाती है, वह वर्षों से जल संकट का सामना कर रही थी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उसी दिन दोपहर 3 बजे मोदी जी ने नर्मदा नदी का पानी साबरमती में छोड़ने का निर्णय लिया। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की, और देखते ही देखते साबरमती नदी में पानी भर गया। जो नदी सूखी और बंजर दिखती थी, वह कुछ ही घंटों में लबालब जल से भर गई।
 
दूरदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता
 
यह वाकया यह दर्शाता है कि नरेंद्र मोदी की दृष्टि स्पष्ट थी और वे तुरंत परिणाम देने में सक्षम थे। उन्होंने यह साबित किया कि नेतृत्व का अर्थ केवल नीतियां बनाना नहीं, बल्कि उन्हें तुरंत क्रियान्वित करना भी है। यह मोदी जी की निर्णय लेने की तेज़ी और प्रभावशीलता ही थी कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के चंद घंटों के भीतर गुजरात के लिए एक ऐतिहासिक कार्य कर दिखाया।
 
गुजरात से भारत तक: विकास की नई परिभाषा
 
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने राज्य को विकास के नए मॉडल पर खड़ा किया, जिसे 'गुजरात मॉडल' के रूप में जाना जाता है। इस मॉडल की सफलता ने ही उन्हें 2014 में देश का प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनकी कार्यकुशलता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और दूरदर्शिता भारत को आर्थिक, तकनीकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी नेता, प्रखर रणनीतिकार और असाधारण प्रशासक हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता, विकास के प्रति समर्पण और त्वरित निर्णय लेने की शैली ने न केवल गुजरात बल्कि पूरे भारत को एक नए युग में प्रवेश कराया है। उनके सफर से प्रबंधन, नेतृत्व और संकल्प के कई सबक लिए जा सकते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेंगे।

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