ट्रंप टैरिफ ब्रेक: भारत की कूटनीति का कमाल, अमेरिका से मिली 90 दिनों की राहत

नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से पूरी दुनिया में व्यापारिक चिंता का माहौल था, लेकिन भारत के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अमेरिका ने 75 से अधिक देशों को 90 दिनों के लिए टैरिफ में छूट दी है—और भारत इस लिस्ट में शामिल है।
भारत को मिली राहत, चीन पर कड़ा वार
जहां भारत पर 26% टैरिफ लागू होने की आशंका थी, अब 90 दिनों तक भारत पर केवल 10% रेसिप्रोकल टैरिफ लागू रहेगा, जो पहले से ही चल रहा था। वहीं, चीन पर टैरिफ की दर 125% तक पहुंच गई है। इसका मतलब साफ है—भारत ने सूझबूझ दिखाई और अमेरिका से बातचीत के जरिए राहत हासिल की, जबकि चीन ने टकराव का रास्ता अपनाया।
जयशंकर और गोयल की कूटनीतिक चाल
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की वाशिंगटन में मुलाकात के दौरान ही भारत को इस टैरिफ संकट की आहट मिल गई थी। तभी से विदेश मंत्री एस. जयशंकर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैकचैनल के जरिए अमेरिका से लगातार बातचीत शुरू कर दी। उनकी रणनीति और शांति से की गई वार्ता रंग लाई और अमेरिका ने भारत को टैरिफ छूट की सूची में शामिल कर लिया।
पीयूष गोयल ने दिए थे संकेत
राइजिंग इंडिया समिट में पीयूष गोयल ने कहा था कि अमेरिका का मुख्य निशाना भारत नहीं है और जल्द ही इस टैरिफ मुद्दे पर समझौता हो सकता है। उन्होंने इसे "फेयर ट्रेड" का मामला बताया था और भरोसा जताया था कि अमेरिका-भारत व्यापारिक रिश्ते सामान्य रहेंगे।
चीन पर क्यों गिरा अमेरिका का हथौड़ा
चीन ने जवाबी टैरिफ लगा कर अमेरिका को चुनौती दी। नतीजा यह हुआ कि अमेरिका ने 125% तक टैरिफ बढ़ा दिया। इसके उलट भारत ने शांति और समझदारी से रास्ता निकाला।
90 दिन का मौका—परमानेंट ब्रेक की ओर पहला कदम
भारत को मिले इस 90 दिन के ब्रेक को स्थायी बनाने की कोशिशें अब तेज होंगी। माना जा रहा है कि अमेरिका-भारत के बीच बातचीत का अगला दौर और राहत लेकर आ सकता है। इससे न केवल व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि निवेश और बाजारों में भी नई ऊर्जा देखने को मिलेगी।
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