तेलंगाना में प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। राज्य पुलिस ने दो महिला पत्रकारों जिसमे से एक पोगदादंडा रेवती हैं, जो ‘पल्स न्यूज‘ की प्रबंध निदेशक हैं, और दूसरी उनकी सहकर्मी संध्या उर्फ तन्वी यादव हैं,को उनके घर से हिरासत में लिया और उनके मोबाइल व लैपटॉप जब्त कर लिए। यह कार्रवाई सादे कपड़ों में पहुंचे अधिकारियों ने की, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, इन पत्रकारों पर सरकार की आलोचना करने का आरोप लगाया गया है। तेलंगाना में कांग्रेस सरकार के खिलाफ लिखने और रिपोर्टिंग करने के कारण उन्हें निशाना बनाया गया। पुलिस ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घर पर छापा मारा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए।
मीडिया पर शिकंजा?
पत्रकारों का आरोप है कि यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है। यदि कोई सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग करता है, तो उसे निशाना बनाया जाता है। इस घटना के बाद राज्य में मीडिया जगत में हलचल मच गई है और सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
विपक्षी दलों और प्रेस संगठनों ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता को कुचलने का यह प्रयास है, जो अस्वीकार्य है।
क्या कहती है सरकार?
सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह घटना दिखाती है कि तेलंगाना में स्वतंत्र पत्रकारिता करना कितना मुश्किल हो गया है।
इस घटना ने एक बार फिर इस बहस को जन्म दिया है कि क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था में मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जा रहा है या नहीं?