नेपाल में लहराए गए योगी आदित्यनाथ के पोस्टर, गूंजे ‘योगी-योगी’ के नारे

Mar 12, 2025 - 16:59
Apr 3, 2025 - 13:48
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नेपाल में लहराए गए योगी आदित्यनाथ के पोस्टर, गूंजे ‘योगी-योगी’ के नारे

नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित एक राजतंत्र बहाली समर्थन रैली के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की पोस्टर लहराए जाने की खबरें सामने आई हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि रैली में शामिल भीड़ ने "योगी-योगी" के नारे भी लगाए। इस घटना ने नेपाल और भारत दोनों में राजनीतिक चर्चा को तेज कर दिया है।

नेपाल में राजतंत्र बहाली की मांग क्यों?

नेपाल में लंबे समय तक राजशाही का शासन था, लेकिन 2008 में इसे समाप्त कर संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की गई। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में नेपाल के एक वर्ग में राजशाही की बहाली की मांग जोर पकड़ रही है। कई नेपाली नागरिक वर्तमान सरकार से असंतुष्ट हैं और वे पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की वापसी की वकालत कर रहे हैं।

इस रैली का आयोजन राजशाही समर्थक समूहों द्वारा किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान भारत के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों के साथ पोस्टर लहराए गए और उनके समर्थन में नारे लगाए जाने की खबरें आईं।

योगी आदित्यनाथ को लेकर नेपाल में क्यों है समर्थन?

योगी आदित्यनाथ का नेपाल से एक ऐतिहासिक और धार्मिक जुड़ाव रहा है। गोरखनाथ मठ, जिसके प्रमुख योगी आदित्यनाथ हैं, का नेपाल से गहरा संबंध है। नेपाल में गोरखनाथ संप्रदाय के अनुयायियों की एक बड़ी संख्या है, जो योगी आदित्यनाथ को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सम्मान देते हैं।

नेपाल में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लहराए जाने की एक वजह यह भी हो सकती है कि कुछ वर्ग उन्हें हिंदू राष्ट्रवाद और धार्मिक नेतृत्व का प्रतीक मानते हैं।

नेपाल और भारत के संबंधों पर प्रभाव?

नेपाल में इस तरह की गतिविधि भारत-नेपाल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकती है। भारत की सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती और नेपाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करती है।

हालांकि, नेपाल में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता और उनके पोस्टर लहराए जाने से राजनीतिक विश्लेषकों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि नेपाल में हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग करने वाले गुटों में भारतीय नेताओं की छवि मजबूत हो रही है।

नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया

नेपाल सरकार की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, नेपाल में वामपंथी और लोकतांत्रिक समूह राजशाही की बहाली का विरोध कर रहे हैं और इसे देश को पीछे ले जाने वाला कदम बता रहे हैं।

नेपाल में राजशाही समर्थक रैली में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर लहराया जाना और ‘योगी-योगी’ के नारे लगना दर्शाता है कि वहां की राजनीति में भारत के कुछ नेताओं की भी चर्चा हो रही है। यह घटना नेपाल के बदलते राजनीतिक माहौल और भारत के साथ उसके सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंधों को नए दृष्टिकोण से देखने का संकेत देती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर नेपाल की राजनीति और भारत-नेपाल संबंधों में क्या प्रभाव पड़ता है।

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