ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद भारत की उच्च स्तरीय बैठक, वित्त राज्य मंत्री बोले- देखेंगे कैसे निपटना है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों के खिलाफ टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप ने चीन पर 34 फीसदी और भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है। इस फैसले को 'मुक्ति दिवस' बताते हुए ट्रंप ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतजार कर रहा था।
पीएमओ की उच्च स्तरीय बैठक
भारत सरकार ने इस टैरिफ आदेश का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वाणिज्य मंत्रालय, नीति आयोग, डीपीआईआईटी और अन्य प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में ट्रंप के टैरिफ निर्णय के संभावित प्रभावों और भारत की प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई।
वित्त राज्य मंत्री की प्रतिक्रिया
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने ट्रंप के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अमेरिका का काम है। ट्रंप के लिए 'अमेरिका फर्स्ट' है और मोदी जी के लिए 'इंडिया फर्स्ट' है। हम इस फैसले की समीक्षा करेंगे और देखेंगे कि इससे कैसे निपटना है। पहले टैरिफ का पूरा आकलन करेंगे और फिर विचार करेंगे कि आगे क्या किया जाए।"
वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर
अमेरिका ने 60 देशों पर टैरिफ लागू किया है, जिसमें भारत पर लगभग 27 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है। यह टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होगा। इस फैसले का असर वैश्विक शेयर बाजारों के साथ-साथ भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला है। भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ खुला।
ट्रंप की शर्त और भारतीय सेक्टर पर प्रभाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई देश टैरिफ से बचना चाहता है तो उसे अपना उत्पादन अमेरिका में स्थापित करना होगा। इस टैरिफ स्ट्राइक का असर भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर्स पर पड़ सकता है। हालांकि, चीन पर भारत की तुलना में अधिक टैरिफ लगाए जाने के कारण भारत को कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
संभावित रणनीतियाँ और आगे की राह
सरकार टैरिफ के प्रभावों का आकलन करने के बाद नई व्यापार नीतियों पर विचार कर सकती है।
भारतीय उद्योगों को नए बाजार तलाशने और उत्पादन लागत को कम करने की दिशा में प्रयास करने होंगे।
अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता को तेज किया जा सकता है ताकि टैरिफ दरों में राहत प्राप्त की जा सके।
What's Your Reaction?






