भारत की नई मिसाइल K-5: समुद्र से 9000 किलोमीटर तक प्रहार की शक्ति!

नई दिल्ली: भारत की सुरक्षा नीति में समुद्री शक्ति एक अहम भूमिका निभाती है, और इसी दिशा में भारतीय नौसेना लगातार कदम बढ़ा रही है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने समुद्र से परमाणु हमले की क्षमता को और अधिक मजबूत करते हुए, INS अरिदमन (S-4) पनडुब्बी में K-5 मिसाइल की तैनाती का रास्ता साफ कर दिया है।
INS अरिदमन: भविष्य की शक्ति
INS अरिदमन, जो अरिहंत-क्लास की अगली पीढ़ी की परमाणु पनडुब्बी है, 2025 तक भारतीय नौसेना में शामिल होने की संभावना है। यह पनडुब्बी बेहद आधुनिक तकनीक से लैस होगी और इसमें तैनात K-5 मिसाइल इसे एक अजेय समुद्री हथियार बना देगी।
K-5 मिसाइल: भारत की सबसे लंबी दूरी की SLBM
K-5 एक Submarine-Launched Ballistic Missile (SLBM) है, जिसे भारत में ही विकसित किया गया है। इसकी रेंज 8,000 से 9,000 किलोमीटर तक है, जिससे यह आधे से अधिक विश्व को अपने निशाने पर ले सकती है।
इस मिसाइल की सबसे खास बात यह है कि यह MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस है, यानी एक ही मिसाइल कई निशानों को एक साथ तबाह कर सकती है।
रणनीतिक बढ़त और वैश्विक संदेश
K-5 मिसाइल की समुद्र से मारक क्षमता भारत को चीन, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और यहां तक कि यूरोप तक पहुंचने की शक्ति देती है। यह भारत को समुद्र के जरिए एक रणनीतिक बढ़त प्रदान करता है, और भारतीय नौसेना की ताकत को एक नई ऊंचाई देता है।
INS अरिदमन और K-5 की तैनाती हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की निर्णायक उपस्थिति को और भी पुख्ता करेगी।
महत्वपूर्ण बिंदु:
INS अरिदमन (S-4) – अगली पीढ़ी की परमाणु पनडुब्बी, 2025 तक सेवा में।
K-5 SLBM – 9000 किमी तक की रेंज, MIRV तकनीक के साथ।
भारत को चीन-पाकिस्तान पर समुद्र के जरिए रणनीतिक बढ़त।
What's Your Reaction?






