महाकुंभ स्नान पर गंदी पोस्ट करने वालों पर बड़ी कार्रवाई—101 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक्शन!

महाकुंभ 2025, जो करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और अध्यात्म का प्रतीक है, कुछ असामाजिक तत्वों के लिए गलत सूचनाएँ फैलाने का साधन बन रहा था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे भ्रामक और अपमानजनक पोस्ट करने वालों पर सख्त कदम उठाते हुए 101 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अफवाह या भ्रामक खबरों को फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने महाकुंभ से जुड़ी झूठी खबरें, आपत्तिजनक टिप्पणियाँ और गुमराह करने वाली पोस्टों की पहचान कर उन पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
कैसे की गई पहचान?
विशेषज्ञ एजेंसियों और साइबर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखते हुए उन पोस्टों की पहचान की, जो महाकुंभ के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही थीं। इनमें फर्जी वीडियो, भ्रामक समाचार, सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाले पोस्ट और स्नान को लेकर अपमानजनक टिप्पणियाँ शामिल थीं।
इन मामलों में शामिल 101 अकाउंट्स के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की गई है, और कई अकाउंट्स को प्लेटफॉर्म्स से हटाने के लिए रिपोर्ट किया गया है।
महाकुंभ से जुड़ी फर्जी खबरों पर सख्त नजर
उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य साइबर सुरक्षा एजेंसियां लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रख रही हैं। किसी भी प्रकार की गलत जानकारी फैलाने वालों को ट्रैक किया जा रहा है, और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की कड़ी चेतावनी
राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि धार्मिक आयोजनों और सांस्कृतिक पर्वों को बदनाम करने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर है, और इसे नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 को लेकर अफवाहें फैलाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है। यह दिखाता है कि सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर है, और कोई भी गलत जानकारी फैलाने पर कार्रवाई से बच नहीं सकता।
"सच को बनाएँ अपना हथियार, झूठी खबरों से रहें सतर्क!"
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