क्या अवैध वोटिंग पर लगाम लगाने से दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 70 में से 48 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। इस जीत के पीछे कई कारक माने जा रहे हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कारण अवैध रूप से रह रहे बाहरी लोगों की वोटिंग पर रोक लगाना भी बताया जा रहा है।
अवैध वोटिंग पर नियंत्रण बना जीत का कारण?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों—जैसे लोनी, गाजियाबाद, मेरठ आदि—में बड़ी संख्या में अवैध रूप से रह रहे लोग चुनाव के समय दिल्ली आकर वोट डालते थे। कहा जाता है कि ये लोग आमतौर पर विपक्षी दलों के लिए वोटिंग करते थे, जिससे भाजपा को नुकसान होता था। हालांकि, इस बार की चुनावी प्रक्रिया में इन गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।
LG के आदेश पर चला विशेष अभियान
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने चुनाव से पहले ही पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया था कि अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान की जाए और उनके दस्तावेजों की जांच की जाए। इस अभियान के तहत—
1. दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे लोगों को चिन्हित किया गया
2. फर्जी वोटर कार्ड और अन्य दस्तावेजों को रद्द किया गया
3. सीमावर्ती इलाकों में सख्त निगरानी रखी गई, जिससे बाहरी लोग मतदान केंद्रों तक न पहुंच सकें
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मतदान पर असर
विशेष रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों में इस अभियान का गहरा असर देखा गया। जहां पहले बड़ी संख्या में बाहरी लोग आकर वोट डालते थे, इस बार उनके मताधिकार पर रोक लगने के कारण विपक्षी दलों को बड़ा नुकसान हुआ।
भाजपा को हुआ सीधा लाभ
इस अभियान का परिणाम यह रहा कि दिल्ली में भाजपा को अप्रत्याशित रूप से अधिक सीटें मिलीं। इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को अल्पसंख्यक इलाकों में भारी समर्थन मिलता था, लेकिन इस बार वोटर लिस्ट में बड़े बदलाव और कड़ी निगरानी के चलते यह समीकरण बदल गया।
आम आदमी पार्टी ने किया विरोध
आप पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह अभियान एक सोची-समझी रणनीति थी, जिसके जरिए खास समुदाय को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा गया। हालांकि, भाजपा का कहना है कि यह कदम केवल निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।
अगर सीधे तौर पर कहा जाए तो दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे बताते हैं कि इस बार अवैध वोटिंग पर सख्ती का भाजपा को सीधा फायदा हुआ। यह चुनाव ऐतिहासिक साबित हुआ, क्योंकि पहली बार दिल्ली में अवैध निवासियों की पहचान कर उनके मतदान पर रोक लगाई गई। इसका असर न केवल इस चुनाव पर पड़ा बल्कि भविष्य में होने वाले अन्य चुनावों पर भी दिख सकता है।
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