दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पेश की CAG रिपोर्ट, केजरीवाल सरकार की शराब नीति में गड़बड़ियों का खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार (25 फरवरी) को विधानसभा में CAG (कैग) रिपोर्ट पेश की, जिसमें AAP सरकार की शराब नीति को लेकर कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल सरकार की शराब नीति में मूल्यों का सही निर्धारण नहीं किया गया, न ही शराब की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया, जिससे सरकार को 2002.68 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हुआ।
CAG रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासे हुए?
CAG की रिपोर्ट में बताया गया कि AAP सरकार की नई शराब नीति में कई खामियाँ थीं, जो न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बनीं, बल्कि इससे भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिला। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
1. शराब के मूल्यों को निर्धारित नहीं किया गया, जिससे कंपनियों ने मनमाने दाम वसूले।
2. गुणवत्ता नियंत्रण की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं थी, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान हुआ।
3. ठेके आवंटन में पारदर्शिता की कमी पाई गई, जिससे कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा मिला।
4. शराब नीति से सरकारी खजाने को 2002.68 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
5. अनुचित लाभ देने के आरोप, जिससे दिल्ली में शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।
AAP सरकार की शराब नीति पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। इस नीति के तहत निजी ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे थे, जिसके चलते उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भी जाँच चल रही है। इस मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) और CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) भी जाँच कर रही हैं।
BJP और कांग्रेस ने साधा AAP पर निशाना
CAG रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर जमकर निशाना साधा।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा, "यह रिपोर्ट बताती है कि केजरीवाल सरकार ने शराब माफियाओं को फायदा पहुँचाया और दिल्ली की जनता को नुकसान हुआ।"
कांग्रेस नेता अजय माकन ने इसे AAP का बड़ा घोटाला बताया और जाँच की मांग की।
केजरीवाल सरकार की सफाई
AAP सरकार ने CAG रिपोर्ट को "राजनीति से प्रेरित" बताते हुए कहा कि यह भाजपा द्वारा दबाव बनाकर तैयार करवाई गई रिपोर्ट है। दिल्ली सरकार का कहना है कि शराब नीति पारदर्शी थी और इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को खत्म करना था।
क्या होगा अगला कदम?
CAG रिपोर्ट सामने आने के बाद अब यह मामला और गंभीर हो गया है। संभावना है कि CBI और ED इस मामले में आगे की जाँच तेज कर सकते हैं। वहीं, दिल्ली विधानसभा में भी इस मुद्दे पर सियासी घमासान मचा हुआ है।
अब देखना होगा कि क्या केजरीवाल सरकार इस घोटाले से बाहर निकल पाएगी या फिर शराब नीति मामला AAP के लिए राजनीतिक संकट खड़ा करेगा?
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