जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा: अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में "टाइम्स नाउ समिट 2025" में यह स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वादे के अनुसार बहाल किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस बहाली की कोई निश्चित समयसीमा नहीं बताई।
शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव
शाह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले साल विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। उन्होंने कहा कि यह 40 वर्षों में पहला चुनाव था जिसमें कहीं भी पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। न ही किसी भी प्रकार की हिंसा हुई, न ही आंसू गैस या गोली चलाने की नौबत आई। यह बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
राज्य का दर्जा बहाली पर क्या बोले शाह?
राज्य के दर्जे की बहाली पर पूछे गए सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, "हमने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, लेकिन सार्वजनिक मंच पर इसकी तारीख बताना उचित नहीं होगा।" यह बयान उनके उस आश्वासन को दोहराता है जो उन्होंने 2019 में संसद में अनुच्छेद 370 के निरसन के समय दिया था।
2019 में क्या हुआ था?
गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया गया था। तब सरकार ने कहा था कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
बदलते हालात और नया जम्मू-कश्मीर
केंद्रीय गृह मंत्री ने चुनाव में 60% मतदान को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और कहा कि यह इस क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। उन्होंने भरोसा जताया कि जम्मू-कश्मीर में विकास और शांति के नए युग की शुरुआत हो चुकी है।
हालांकि अमित शाह ने राज्य का दर्जा बहाल करने की कोई ठोस समयसीमा नहीं दी, लेकिन उनका बयान यह संकेत देता है कि सरकार अपने वादे को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध है। अब यह देखना होगा कि आने वाले समय में इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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