हजारों मील दूर होने के बावजूद आप हमारे दिल के करीब हैं... पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स के नाम लिखा पत्र

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर असाधारण रूप से लंबे समय तक रहने के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स मंगलवार की शाम पृथ्वी पर लौट रही हैं। पूरी दुनिया की निगाहें उनकी सुरक्षित वापसी पर टिकी हैं। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने 1.4 अरब भारतीयों की भावनाओं को व्यक्त किया।
पीएम मोदी का भावुक संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा, "भले ही आप हमसे हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिल के करीब हैं।" उन्होंने सुनीता के साहस, संकल्प और सफलता की सराहना करते हुए उन्हें भारत की "आन, बान और शान" बताया। पीएम मोदी का यह पत्र पूर्व अंतरिक्ष यात्री माइक मासिमिनो के माध्यम से सुनीता विलियम्स तक पहुंचाया गया, जिनसे पीएम हाल ही में एक कार्यक्रम में मिले थे।
उन्होंने पत्र में लिखा कि सुनीता विलियम्स की उपलब्धियां हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने सुनीता की सुरक्षित वापसी की कामना की और कहा कि उनका नाम भारतीयों के दिलों में हमेशा अंकित रहेगा।
लंबे समय तक ISS पर रहने के बाद वापसी
नासा के मुताबिक, सुनीता विलियम्स और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आने वाला स्पेसएक्स क्रू 9 मिशन का ड्रैगन अंतरिक्ष यान कुछ ही घंटों में ISS से अलग होगा। यह भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के करीब 3 बजे फ्लोरिडा के समुद्र में लैंड करेगा। यह यात्रा पहले केवल आठ दिनों की थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे 10 महीने तक बढ़ा दिया गया।
एलन मस्क का खुलासा: 'राजनीतिक कारणों से रोका गया'
स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने हाल ही में फॉक्स न्यूज पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक साक्षात्कार में दावा किया कि सुनीता विलियम्स और बैरी "बुच" विल्मोर की वापसी पहले हो सकती थी, लेकिन राजनीतिक कारणों से इसे रोका गया। मस्क ने कहा कि "उन्हें जानबूझकर वहां छोड़ा गया, जो सही नहीं था।"
नासा और स्पेसएक्स की संयुक्त सफलता
स्पेसएक्स और नासा के संयुक्त मिशन के तहत यह ऐतिहासिक वापसी हो रही है। नासा इस पूरी घटना का सीधा प्रसारण भी करेगा। इस मिशन से स्पेसएक्स की विश्वसनीयता और तकनीकी क्षमता को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है।
सुनीता विलियम्स: एक प्रेरणा
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक प्रेरणादायक हस्ती हैं। भारतीय मूल की इस अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री ने न केवल अंतरिक्ष में अपनी जगह बनाई, बल्कि पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया।
उनकी इस ऐतिहासिक वापसी के साथ ही भारत में एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान में युवाओं की रुचि बढ़ने की उम्मीद है। पीएम मोदी का पत्र इस बात का प्रमाण है कि भारत हमेशा अपने नायकों को सम्मान देने में आगे रहता है।
सुनीता विलियम्स की यह वापसी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री मोदी का पत्र भारतीयों की भावनाओं को दर्शाता है और यह साबित करता है कि भले ही सुनीता अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर रही हों, लेकिन उनका दिल हमेशा भारत के करीब है।
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