भारत को मिलेगी इस्राइल से उन्नत ड्रोन कैमरा तकनीक, लागत में भारी कटौती

भारत जल्द ही उन्नत ड्रोन कैमरा प्रौद्योगिकी से लैस होने जा रहा है। इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए भारतीय रक्षा कंपनी पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज ने इस्राइल की अग्रणी कंपनी माइक्रोकॉन विजन के साथ एक रणनीतिक करार किया है। माइक्रोकॉन विजन इस्राइल के प्रसिद्ध कॉन्ट्रॉप और राफेल समूह का हिस्सा है।
यह समझौता न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस साझेदारी से पारस डिफेंस देश में ही उन्नत ड्रोन कैमरा और खुफिया निगरानी एवं टोही (ISR) उपकरणों का निर्माण कर सकेगी — वह भी विदेशी कीमत से 50-60% कम लागत पर।
कम कीमत, अधिक दक्षता
बयान के मुताबिक, पारस डिफेंस दो मॉडल पेश करेगी, जिनकी सामान्य आयात लागत क्रमशः 20 लाख रुपये और 40 लाख रुपये प्रति यूनिट होती है। लेकिन इन मॉडलों को देश में काफी कम कीमत पर तैयार किया जाएगा। इससे भारतीय सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक निगरानी तकनीक सुलभ होगी, साथ ही वाणिज्यिक उपयोग के लिए भी यह तकनीक उपलब्ध होगी।
ड्रोन कैमरों में एआई-संचालित विश्लेषणात्मक क्षमताएं, हाई-रिजोल्यूशन इमेजिंग और थर्मल विजन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जो निगरानी क्षमताओं को नए स्तर तक पहुंचाएंगी। यह रक्षा के साथ-साथ नागरिक उपयोग में भी परिचालन दक्षता को बढ़ाएगा।
स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा
इस समझौते की खास बात यह है कि पारस डिफेंस इन उपकरणों में स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल करेगी, जिससे देश में रक्षा तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
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