मोदी जी की दृष्टि में क्या शिवाजी महाराज की छवि... पढ़िए खुद प्रधानमंत्री मोदी का लिखा हुआ लेख Agenda India पर

छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के महानतम योद्धाओं और कुशल प्रशासकों में से एक थे। उनका जीवन केवल एक शासक के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्र निर्माता, सैन्य रणनीतिकार, और संस्कृति संरक्षक के रूप में भी प्रेरणादायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा शिवाजी महाराज को अपने आदर्शों में से एक माना है और कई अवसरों पर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की है।
शिवाजी महाराज: नरेंद्र मोदी के लिए प्रेरणा का स्रोत
प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार अपने भाषणों और लेखों में शिवाजी महाराज के पराक्रम, सुशासन और राष्ट्रवाद की प्रशंसा की है। उनके अनुसार, शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा नहीं थे, बल्कि एक ऐसे दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय अस्मिता को मजबूत किया।
1. सुशासन और शिवाजी की नीति
मोदी जी के अनुसार, शिवाजी महाराज की प्रशासनिक नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपनी प्रजा के कल्याण के लिए जो व्यवस्थाएं कीं, वे आधुनिक समय के "गुड गवर्नेंस" के आदर्श उदाहरण हैं।
धार्मिक सहिष्णुता: शिवाजी महाराज ने सभी धर्मों का सम्मान किया और अपने राज्य में निष्पक्षता से शासन किया।
कुशल प्रशासन: उन्होंने आयकर, जल प्रबंधन, व्यापार, कृषि सुधार जैसे विषयों पर गहरी रुचि ली और इसे मजबूत किया।
न्याय व्यवस्था: उन्होंने तेज और निष्पक्ष न्याय प्रणाली विकसित की, जिससे हर वर्ग को न्याय मिला।
2. सैन्य रणनीति और राष्ट्र रक्षा
शिवाजी महाराज की युद्ध रणनीति और छापामार युद्ध नीति को नरेंद्र मोदी हमेशा सराहते आए हैं।
गणराज्य की भावना: शिवाजी महाराज ने सामंती शासन के विपरीत एक संगठित और जनता-आधारित शासन प्रणाली बनाई।
किलों का महत्व: उन्होंने मराठा साम्राज्य के मजबूत किले बनाकर उन्हें सामरिक और प्रशासनिक केंद्रों में बदला।
नौसेना की ताकत: मोदी जी अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि शिवाजी महाराज ने पहली भारतीय नौसेना खड़ी की, जिससे समुद्री व्यापार और सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
3. नरेंद्र मोदी द्वारा शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने कई बार शिवाजी महाराज के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की है।
शिवसृष्टि प्रोजेक्ट: महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार मिलकर रायगढ़ में 'शिवसृष्टि' नामक एक भव्य ऐतिहासिक स्मारक बना रही है।
शिवाजी की विरासत पर जोर: मोदी सरकार ने शिवाजी महाराज से जुड़े किलों और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
शिवाजी जयंती पर संबोधन: हर साल मोदी जी शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके आदर्शों को दोहराते हैं।
4. मोदी के शब्दों में शिवाजी महाराज
एक अवसर पर नरेंद्र मोदी ने कहा था:
"छत्रपति शिवाजी महाराज केवल इतिहास का एक नाम नहीं, बल्कि भारतीयता की भावना का प्रतीक हैं। वे एक ऐसे राजा थे, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण और सुशासन का सपना देखा और उसे साकार किया।"
छत्रपति शिवाजी महाराज और नरेंद्र मोदी के विचारों में कई समानताएं देखी जा सकती हैं। मोदी जी का मानना है कि शिवाजी महाराज का दृष्टिकोण आज के भारत के लिए भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना 17वीं शताब्दी में था। उनके शासन का हर पहलू—सुशासन, सेना, प्रशासन, संस्कृति—आज भी प्रेरणा देने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि यह स्पष्ट करती है कि शिवाजी महाराज की विरासत भारतीय समाज और राजनीति के लिए हमेशा मार्गदर्शक बनी रहेगी।
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