'हिन्दवी-हिन्दू' की हिम्मत के दो नायक : पढ़िए नरेंद्र मोदी और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच की समानताएं..

Feb 19, 2025 - 13:36
Mar 3, 2025 - 12:56
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'हिन्दवी-हिन्दू' की हिम्मत के दो नायक : पढ़िए नरेंद्र मोदी और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच की समानताएं..

भारत के इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपने-अपने समय में राष्ट्रवाद, हिंदू संस्कृति और आत्मनिर्भरता को सर्वोपरि रखा। शिवाजी महाराज ने जहां 17वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य की नींव रखी, वहीं नरेंद्र मोदी 21वीं शताब्दी में भारत को वैश्विक मंच पर एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए कार्यरत हैं। इन दोनों महान नेताओं की विचारधारा, कार्यशैली और उद्देश्यों में कई समानताएँ देखी जा सकती हैं।

1. स्वराज्य और आत्मनिर्भर भारत

शिवाजी महाराज का स्वराज्य:
शिवाजी महाराज ने विदेशी आक्रमणकारियों और मुगल साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करते हुए स्वराज्य की स्थापना की। उन्होंने एक स्वतंत्र, स्वायत्त और हिंदू सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित शासन प्रणाली विकसित की। उनका उद्देश्य भारत को बाहरी ताकतों के नियंत्रण से मुक्त कर, आत्मनिर्भर राज्य की स्थापना करना था।

नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "आत्मनिर्भर भारत" अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत को आर्थिक, सैन्य और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। यह अभियान ठीक उसी तरह है जैसे शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की अवधारणा को साकार किया था। 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्टअप इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसी योजनाएँ इसी सोच को आगे बढ़ाती हैं।

2. मजबूत और प्रभावी नेतृत्व

शिवाजी महाराज:
शिवाजी महाराज न केवल एक कुशल योद्धा थे, बल्कि एक सशक्त प्रशासक भी थे। उन्होंने एक संगठित और अनुशासित सेना बनाई, जिसमें रणनीतिक कौशल का समावेश था। उनकी प्रशासनिक नीति ने मराठा साम्राज्य को एक स्थिर और मजबूत शासन प्रदान किया।

नरेंद्र मोदी:
मोदी जी भी एक निर्णायक और सशक्त नेता हैं। उन्होंने अपनी नीतियों के माध्यम से आर्थिक सुधार, सैन्य सशक्तिकरण और कूटनीतिक फैसलों में दृढ़ता दिखाई है। नोटबंदी, जीएसटी, तीन तलाक उन्मूलन और अनुच्छेद 370 हटाने जैसे निर्णय उनके प्रभावी नेतृत्व का प्रमाण हैं।

3. सैन्य रणनीति और सुरक्षा नीति

शिवाजी महाराज की सैन्य रणनीति:
शिवाजी महाराज की छापामार युद्धनीति (गुरिल्ला वॉरफेयर) एक अनोखी सैन्य रणनीति थी, जिसने मुगलों और अन्य दुश्मनों को हराने में मदद की। उन्होंने समुद्री सुरक्षा के लिए मजबूत नौसेना भी बनाई, जिससे भारत की तटीय सीमाएँ सुरक्षित रहीं।

नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति:
मोदी सरकार ने 'मेक इन इंडिया' के तहत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, सर्जिकल स्ट्राइक (2016) और बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019) जैसे साहसिक कदम उठाकर भारत की सैन्य ताकत और सुरक्षा नीति को मजबूती दी।

4. धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा

शिवाजी महाराज का योगदान:
शिवाजी महाराज ने हिंदू संस्कृति, मंदिरों और परंपराओं की रक्षा के लिए कई संघर्ष किए। उन्होंने जबरन धर्मांतरण का विरोध किया और हिंदू धर्मगुरुओं को संरक्षण दिया।

नरेंद्र मोदी की पहल:
मोदी सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, सोमनाथ मंदिर पुनर्निर्माण और महाकाल लोक जैसे धार्मिक व सांस्कृतिक प्रोजेक्ट्स के माध्यम से भारतीय विरासत को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है।

5. जनता से सीधा संवाद और लोकप्रियता

शिवाजी महाराज:
शिवाजी महाराज अपनी प्रजा के बीच लोकप्रिय थे। वे आम लोगों से सीधे संवाद स्थापित करते थे और उनकी समस्याओं को समझकर समाधान निकालते थे।

नरेंद्र मोदी:
मोदी जी भी जनता से सीधे संवाद करने में विश्वास रखते हैं। "मन की बात" कार्यक्रम और सोशल मीडिया के माध्यम से वे आम लोगों तक अपनी बात पहुँचाते हैं और उनकी समस्याओं को सुनते हैं।

6. सुशासन और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण

शिवाजी महाराज का प्रशासन:
शिवाजी महाराज ने अपने प्रशासन में ईमानदारी और कड़े नियमों को लागू किया, जिससे उनका शासन पारदर्शी और जनहितैषी बना।

नरेंद्र मोदी की नीतियाँ:
मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए नोटबंदी, डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना, रेरा कानून और आयकर सुधार जैसे कदम उठाए।

7. राष्ट्रवाद और स्वाभिमान

शिवाजी महाराज का राष्ट्रवाद:
शिवाजी महाराज का हर निर्णय राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए था। उन्होंने कभी भी विदेशी ताकतों के सामने सिर नहीं झुकाया और अपने शासन को हिंदू संस्कृति और मराठा गौरव का प्रतीक बनाया।

नरेंद्र मोदी का राष्ट्रवाद:
मोदी जी भी राष्ट्रवाद और भारत की गरिमा को सर्वोपरि मानते हैं। 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे के साथ उन्होंने देश को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का प्रयास किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को मजबूत किया और विश्व मंच पर भारत की आवाज को प्रभावी बनाया।

निष्कर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज और नरेंद्र मोदी दोनों ही अपने-अपने समय में सशक्त, दूरदर्शी और राष्ट्रवादी नेता रहे हैं। शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी और स्वराज्य की स्थापना की, जबकि नरेंद्र मोदी आधुनिक भारत को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनाने के लिए कार्यरत हैं। दोनों ही नेताओं की विचारधारा हिंदू संस्कृति, राष्ट्रधर्म और आत्मनिर्भरता पर आधारित रही है।

इनकी कार्यशैली में यह समानता स्पष्ट रूप से दिखती है कि एक मजबूत राष्ट्र की नींव उसकी संस्कृति और आत्मनिर्भरता पर टिकी होती है। शिवाजी महाराज ने धर्म और राष्ट्र को एक साथ जोड़ा और एक ऐसे शासन की स्थापना की, जो हिंदू संस्कृति की रक्षा करे और सभी के लिए न्यायपूर्ण हो। वहीं, नरेंद्र मोदी भी हिंदू मूल्यों और राष्ट्रवाद को साथ लेकर चलते हैं और मानते हैं कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रवाद एक-दूसरे के पूरक हैं।

इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और नरेंद्र मोदी दोनों ही अपने-अपने समय में हिंदू संस्कृति, हिंदुत्व और राष्ट्रधर्म के रक्षक और उत्थानकर्ता रहे हैं।

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