एनईपी 2020: भारत के बौद्धिक पुनर्जागरण की दिशा में एक बड़ा कदम

नई दिल्ली, 2 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सराहना करते हुए इसे भारत के बौद्धिक पुनर्जागरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह नीति शिक्षा और नवाचार के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक्स पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की एक पोस्ट के जवाब में लिखा, “एनईपी 2020 एक सुधार से कहीं अधिक है; यह भारत का बौद्धिक पुनर्जागरण है, जो शिक्षा और नवाचार के माध्यम से एक आत्मनिर्भर, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करता है।”
एनईपी 2020 के मुख्य लाभ
1. समग्र एवं बहु-विषयक शिक्षा – छात्रों को उनकी रुचि के अनुसार विविध विषयों का चयन करने की स्वतंत्रता।
2. नई शिक्षण विधियां – डिजिटल लर्निंग, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर।
3. मातृभाषा में शिक्षा – प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा।
4. वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता – अनुसंधान, नवाचार और उच्च शिक्षा को विश्व स्तरीय बनाने का प्रयास।
इस नीति के तहत सरकार ने शिक्षा को अधिक समावेशी, आधुनिक और व्यावहारिक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। एनईपी 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन से भारत ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।
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