शीशमहल के साथ तुलना मूर्खता या साजिश? न्यूक्लियर हमले,SPG, सुरंग सुरक्षा से सज्जित है नया PM आवास.. शीशमहल की तरह निजी नहीं राष्ट्रीय संपत्ति है ये प्रोजेक्ट..

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में रैली कर केजरीवाल के शीशमहल पर हमला बोला और बदले में आम आदमी पार्टी ने सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए पीएम आवास की अनुमानित लागत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। दरअसल 'The Print' नामक वेबसाइट की एक रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ये दावा करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि नए पीएम आवास की अनुमानित लागत 400 करोड़ से ऊपर है।
ऐसे में ये साफ होना चाहिये कि दरअसल यह पूरा कॉम्प्लेक्स है, जिसमें पीएम आवास, पीएमओ का कार्यालय, सुरक्षा एजेंसियों के कार्यालय और अन्य कई एजेंसियों के भी कार्यालय हैं। मगर aap के नेता लाखों के पर्दे और लाखों के टॉयलेट पर पर्दा डालने के लिए अति सुरक्षा के घेरे में रहने वाले पीएम आवास पर सवाल उठा रहे हैं।
देश के प्रधानमंत्री का पद अति महत्वपूर्ण है, ऐसे में उनकी सुरक्षा भी अति महत्वपूर्ण ही होनी है..ये वो देश है जिसने 2 प्रधानमंत्रियों को आतंकी हमले में खोया है...ऐसे में क्या प्रधान मंत्री की सुरक्षा अति महत्वपूर्ण नहीं होनी चाहिए? जो नया पीएम आवास बन रहा है ये सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट का पार्ट है यानी प्रधानमंत्री कोई भी हो उन्हें इस टाइट सुरक्षा के घर मे रहना होगा...इस नए आवास में पीएम कार्यालय भी होगा जोकि वर्तमान समय में पीएम आवास से 3 km की दूरी पर है।
जब प्रधानमंत्री अपने लोक कल्याण मार्ग के आवास से निकलते हैं तब सेंट्रल दिल्ली की कई सड़क बन्द कर दी जाती हैं इसलिय पीएम आवास से संसद तक व पीएमओ तक एक सुरंग भी बन रही है जिसका इस्तेमाल भविष्य के सभी पीएम करेंगे...ऐसे में ये निजी तौर पर मोदी जी की संपत्ति नहीं है बल्कि ये सम्पूर्ण राष्ट्र की संपत्ति है.. जबकि केजरीवाल का शीशमहल राष्ट्र की नहीं उनकी निजी सम्पत्ति था।
नए पीएम आवास को इतना संवेदनशील व महत्वपूर्ण इसलिए बनाया जा रहा है कि युद्ध के समय सेना प्रमुखों व बड़े वैज्ञानिकों के साथ इसमें रहने की सुविधा है। न्यूक्लियर अटैक, केमिकल हमले से सुरक्षा, SPG, सुरंग इत्यादि से सुसज्जित है ये नया पीएम आवास...ऐसे में शीशमहल के साथ इसकी तुलना मूर्खता है या साजिश?
बदलते वैश्विक परिदृश्य में जब दुनिया के तमाम हिस्सों में युद्ध लड़े जा रहे हैं तब भारत जैसे 150 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा एक संवेदनशील मुद्दा है...आखिर ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से तमाम दफ्तरों व सुरंगों से सुसज्जित इस पीएम आवास को बहुत पहले बन जाना चाहिए था। जाहिर है केजरीवाल के शीश महल और पीएम आवास के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती है क्योंकि प्रधानमंत्री का पद, उनके आवास व उनका पीएमओ कार्यालय व उनके SPG के लिए बन रही इमारत देश की राष्ट्रीय संपत्ति है , वह सभी आने वाले भविष्य के प्रधानमंत्री के लिए एक अति आवश्यक कदम है जबकि अरविंद केजरीवाल का शीश महल उनकी निजी संपत्ति थी।
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