न दोस्ती में ढील, न दुश्मनी में चूक: जयशंकर ने दिखाई भारत की कूटनीतिक शक्ति

नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राइजिंग भारत समिट 2025 में भारत की विदेश नीति को स्पष्ट शब्दों में दुनिया के सामने रखा। उन्होंने चीन, अमेरिका, बांग्लादेश, कनाडा और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर बेबाकी से विचार रखे और साफ कर दिया — भारत अब न झुकेगा, न रुकेगा।
चीन से रिश्ते: उम्मीद की किरण
जयशंकर ने कहा, “हम सही रास्ते पर हैं, पर अभी बहुत काम बाकी है।” उन्होंने डेपसांग और डेमचोक में सेनाओं की वापसी को महत्वपूर्ण कदम बताया। साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ानों की बहाली पर भी बात की।
अमेरिका के टैरिफ पर रणनीतिक जवाब
डॉ. जयशंकर ने ट्रंप के टैरिफ पर कहा कि भारत पूरी तरह तैयार है और अमेरिका से संवाद लगातार हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका से पिछले 6 हफ्तों में जितनी बात हुई, उतनी यूरोप से दो साल में नहीं हुई।
बांग्लादेश को दोस्ती का पैगाम
भारत ने स्पष्ट किया कि वह सरकारों से नहीं, देशों के नागरिकों से जुड़ता है। जयशंकर ने कहा, “भारत जैसा हितैषी कोई और नहीं हो सकता।” यह संदेश है कि भारत अपने पड़ोसी का साथ कभी नहीं छोड़ेगा।
कनाडा और पाकिस्तान को सख्त संदेश
कनाडा को आतंक के प्रति नरम रवैये पर चेतावनी दी गई। जयशंकर बोले, “जो रास्ता कनाडा ने चुना, वो उसके हित में नहीं।” वहीं पाकिस्तान को साफ संदेश— “आतंक की फैक्ट्री चलाओगे, तो खुद जलोगे।”
मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा पर बड़ी जीत
भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और वह जल्द भारत की हिरासत में होगा। जयशंकर ने अमेरिका की न्याय प्रक्रिया की सराहना की।
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