महाकुंभ या फिर राम मंदिर नहीं, बल्कि इफ्तार पार्टी है कांग्रेस की पहली प्राथमिकता

Mar 21, 2025 - 16:00
Apr 10, 2025 - 17:05
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महाकुंभ या फिर राम मंदिर नहीं, बल्कि इफ्तार पार्टी है कांग्रेस की पहली प्राथमिकता

कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक चरित्र समय-समय पर सामने आता रहा है, और अब एक बार फिर उसने यह साबित कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता देश की सांस्कृतिक विरासत नहीं, बल्कि मुस्लिम तुष्टिकरण है। देश में जब करोड़ों हिंदू राम मंदिर के उद्घाटन और महाकुंभ की भव्य तैयारियों में लगे थे, तब कांग्रेस पार्टी इफ्तार पार्टियों के आयोजन में व्यस्त थी। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि कांग्रेस की पुरानी रणनीति रही है—हिंदुओं की आस्था को नजरअंदाज करना और मुस्लिम appeasement की राजनीति को बढ़ावा देना।

कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

कांग्रेस पार्टी ने दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद हिंदुओं के साथ सौतेला व्यवहार किया। यह वही पार्टी है जिसने राम मंदिर निर्माण में बाधाएं डालीं, हिंदू आस्थाओं का अपमान किया और हमेशा से मुस्लिम तुष्टिकरण को प्राथमिकता दी।

राम मंदिर पर कांग्रेस का दोहरा रवैया: कांग्रेस के कई बड़े नेता राम मंदिर आंदोलन के खिलाफ रहे। यहां तक कि मंदिर निर्माण में बाधा डालने के लिए कानूनी लड़ाइयां लड़ी गईं।

हिंदुओं को अपमानित करने की पुरानी आदत: ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़कर कांग्रेस ने हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की।

मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति: कांग्रेस नेताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से कहा गया कि "मुसलमानों का पहला अधिकार है देश के संसाधनों पर"।

इफ्तार पार्टियों का दिखावा, हिंदू आयोजनों से किनारा

कांग्रेस द्वारा महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन की अनदेखी कर इफ्तार पार्टियों में व्यस्त रहना यह दिखाता है कि पार्टी की प्राथमिकता क्या है। यह वही पार्टी है जो दीपावली और होली के अवसर पर धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देती है, लेकिन रमजान के समय इफ्तार के नाम पर विशेष आयोजन किए जाते हैं।

हिंदू त्योहारों पर खामोशी, इफ्तार में बढ़-चढ़कर भागीदारी

कांवड़ यात्रा पर सवाल, हज यात्रा पर सब्सिडी का समर्थन

राम मंदिर निर्माण का विरोध, लेकिन बाबरी विध्वंस पर आंसू

कांग्रेस का हिंदू विरोधी एजेंडा: कुछ प्रमुख उदाहरण

1. श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल – कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।

2. तीर्थयात्राओं पर टैक्स, हज पर सब्सिडी – कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हिंदू तीर्थयात्राओं पर टैक्स लगाया गया, लेकिन हज यात्रियों को सब्सिडी दी गई।

3. समान नागरिक संहिता का विरोध – कांग्रेस हमेशा से मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करती आई है, लेकिन समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर चुप्पी साध लेती है।

कांग्रेस की राजनीति का असली चेहरा

कांग्रेस ने बार-बार यह साबित किया है कि उसकी प्राथमिकता हिंदू समाज नहीं, बल्कि वोट बैंक की राजनीति है। हिंदुओं की आस्था और परंपराओं को अपमानित करना, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर विरोध करना और मुस्लिम appeasement की नीति अपनाना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है।

आज जब भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनः स्थापित कर रहा है, तब कांग्रेस की प्राथमिकता इफ्तार पार्टियाँ और मुस्लिम तुष्टिकरण बनी हुई हैं। यही कारण है कि कांग्रेस धीरे-धीरे राजनीतिक हाशिए पर जा रही है और जनता अब इसे पूरी तरह से नकार रही है।

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