पुणे के पास हिंजवड़ी क्षेत्र में बुधवार सुबह एक निजी कंपनी की मिनी बस में लगी भीषण आग कोई हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी। पुलिस की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि बस में आग खुद चालक जनार्दन हंबरदेकर ने लगाई थी। इस दर्दनाक घटना में चार कर्मचारियों की जलकर मौत हो गई, जबकि 10 अन्य लोग झुलस गए।
वेतन कटौती से नाराज था आरोपी
पिंपरी चिंचवाड़ के पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चालक हाल ही में अपने वेतन में कटौती से नाराज था। उसका कंपनी के कुछ कर्मचारियों के साथ विवाद भी चल रहा था, जिससे वह बदला लेना चाहता था। लेकिन जिस साजिश के तहत उसने बस में आग लगाई, उसमें वे कर्मचारी शामिल नहीं थे जिनसे उसे नाराजगी थी।
ज्वलनशील पदार्थ से लगाई आग
जांच में पता चला है कि आरोपी ने पहले से ही बेंजीन नामक ज्वलनशील पदार्थ खरीद रखा था। उसने बस में सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कपड़े पर इस पदार्थ को डाला और फिर माचिस से उसमें आग लगा दी। देखते ही देखते बस धू-धूकर जलने लगी।
घटना में चार की मौत, कई घायल
इस भयावह हादसे में चार कर्मचारियों—शंकर शिंदे (63), राजन चव्हाण (42), गुरुदास लोकरे (45) और सुभाष भोसले (44)—की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, 10 अन्य यात्री झुलस गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है।
खुद भी झुलसा आरोपी, अस्पताल में भर्ती
आग लगाने के बाद जनार्दन हंबरदेकर भी झुलस गया, लेकिन वह कुछ अन्य लोगों के साथ बस से कूदकर बाहर निकलने में सफल रहा। फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती है, जहां पुलिस की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है।
पुलिस कर रही विस्तृत जांच
पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ के मुताबिक, मामले की गहराई से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जाएगी ताकि घटना के पीछे की पूरी साजिश का खुलासा हो सके।