मणिपुर में शांति बहाली का रास्ता साफ़: दो हफ्तों में 1044 अवैध हथियार और 17,779 गोलियां सरेंडर..जानिए अभी क्या हैं मणिपुर के हालात

इंफाल: मणिपुर में शांति बहाली की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य में गवर्नर की ओर से दी गई दो हफ्ते की डेडलाइन के भीतर लोगों ने 1044 अवैध हथियार और 17,779 गोलियां सरेंडर कर दी हैं। यह राज्य में शांति प्रक्रिया को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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गवर्नर की सख्त चेतावनी के बाद सरेंडर तेज़
राज्य में लगातार बढ़ती हिंसा और अस्थिरता को देखते हुए गवर्नर अनुसुइया उइके ने दो हफ्ते के भीतर अवैध हथियार सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि जो लोग इस अवधि में हथियार नहीं लौटाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गवर्नर की इस सख्त चेतावनी के बाद प्रशासन ने सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा और सरेंडर प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया। नतीजतन, हजारों की संख्या में हथियार और गोलियां सरकार के पास जमा कराई गईं।
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सरेंडर किए गए हथियारों में क्या शामिल है?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सरेंडर किए गए 1044 हथियारों में शामिल हैं:
✔️ ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक गन
✔️ राइफल और पिस्तौल
✔️ देशी और आधुनिक हथियार
✔️ हजारों की संख्या में कारतूस और अन्य गोला-बारूद
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अवैध हथियारों का जमा होना – मणिपुर की शांति के लिए अच्छा संकेत
मणिपुर में बीते कुछ महीनों से हिंसा की घटनाओं में तेज़ी देखी गई थी। अलग-अलग जातीय और राजनीतिक समूहों के बीच टकराव, सशस्त्र संघर्ष और उग्रवादी गतिविधियों की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे थे।
इस बीच, अवैध हथियारों का इस बड़ी संख्या में सरेंडर किया जाना राज्य में शांति बहाली के प्रयासों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यदि हथियारों का प्रवाह रोका जाता है, तो हिंसा की घटनाओं में भारी कमी आएगी।---
आगे की योजना: अवैध हथियार रखने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी
राज्य प्रशासन और सुरक्षा बलों ने साफ कर दिया है कि जो लोग अब भी अवैध हथियार छिपाए हुए हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार की योजना के तहत:
✔️ गहन तलाशी अभियान चलाया जाएगा।
✔️ गुप्त सूचना के आधार पर रेड की जाएगी।
✔️ हथियार रखने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
✔️ हथियार सप्लाई करने वाले गिरोहों पर शिकंजा कसा जाएगा।
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गवर्नर ने की मणिपुर की जनता से शांति बनाए रखने की अपील
गवर्नर अनुसुइया उइके ने इस सरेंडर प्रक्रिया को एक सकारात्मक शुरुआत बताया और कहा कि "हथियार हिंसा और खून-खराबे का कारण बनते हैं। यदि राज्य में शांति और स्थिरता चाहिए, तो सभी को कानून का पालन करना होगा।"
उन्होंने मणिपुर की जनता से अपील की कि शांति बनाए रखें, कानून का सम्मान करें और किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहें।
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क्या मणिपुर में स्थायी शांति आएगी?
इस बड़े कदम के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि मणिपुर में हिंसा में कमी आएगी और कानून-व्यवस्था में सुधार होगा। हालांकि, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह सिर्फ पहला कदम है। असली चुनौती स्थायी शांति बनाए रखने और सभी समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने की है।
अब देखने वाली बात होगी कि यह हथियार सरेंडर अभियान कितना सफल साबित होता है और क्या इससे राज्य में स्थायी शांति लौटेगी या नहीं।
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