मस्जिद ढकने पर भड़का असदुद्दीन ओवैसी, बोला– मुसलमानों को दीन सिखाओगे तुम? हिंदुस्तान हमारा है.. मोदी जी और योगी आदित्यनाथ पर साधा निशान

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने होली के दौरान मस्जिद ढकने और मुस्लिमों के घर में रहने को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा।
क्या कहा ओवैसी ने?
असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को एक जनसभा में कहा:
"हमसे कहा जाता है कि मस्जिद ढक दो, घर के अंदर रहो, लेकिन हम भागेंगे नहीं, क्योंकि हम कायर नहीं हैं।"
"क्या तुम हमें हमारे ही देश में दीन सिखाओगे? हिंदुस्तान हमारा भी है।"
"हमें डराने की कोशिश मत करो, यह देश जितना तुम्हारा है, उतना ही हमारा भी है।"
"पीएम मोदी और सीएम योगी को जवाब देना चाहिए कि आखिर क्यों होली के दौरान मस्जिदों को ढका जाता है?"
मस्जिद ढकने का विवाद क्या है?
होली के त्योहार के दौरान कई जगहों पर प्रशासन ने मस्जिदों को कपड़े या तिरपाल से ढकने का आदेश दिया था, ताकि होली के रंग उन पर न पड़े।
प्रशासन का दावा है कि यह कदम शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया।
अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज और लखनऊ जैसे शहरों में मस्जिदों को ढका गया था।
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला मुस्लिम समुदाय के लोगों की मांग पर लिया गया था, ताकि मस्जिदों का सम्मान बना रहे।
ओवैसी के बयान पर सियासत तेज
ओवैसी के इस बयान के बाद भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों ने पलटवार किया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि "ओवैसी बार-बार हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया था, इसमें कोई भेदभाव नहीं था।"
हिंदू संगठनों का कहना है कि "अगर मस्जिद को ढकने से आपत्ति है, तो क्या ओवैसी चाहते हैं कि मस्जिदों पर होली के रंग डाले जाएं?"
धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ते विवाद
भारत में धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है।
होली और रमजान जैसे त्योहारों के दौरान अक्सर मस्जिदों और मंदिरों के आसपास प्रशासन विशेष सुरक्षा का बंदोबस्त करता है।
गुरुग्राम, दिल्ली, लखनऊ, और कानपुर में भी ऐसे मामले पहले सामने आ चुके हैं।
विपक्षी पार्टियां अक्सर ऐसे मुद्दों को ध्रुवीकरण और वोट बैंक की राजनीति से जोड़ देती हैं।
भविष्य में क्या होगा?
ओवैसी के इस बयान के बाद यह विवाद और बढ़ सकता है।
भाजपा और योगी सरकार इसका राजनीतिक जवाब दे सकती है।
2024 के लोकसभा चुनावों के बाद यह मुद्दा विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच नई बहस छेड़ सकता है।
धार्मिक स्थलों को लेकर प्रशासन को भविष्य में और सतर्कता बरतनी पड़ सकती है।
ओवैसी के बयान ने एक बार फिर धार्मिक ध्रुवीकरण को हवा दी है। भाजपा जहां इसे सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा बता रही है, वहीं ओवैसी इसे मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बता रहे हैं।
अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देगी? या यह सिर्फ एक और राजनीतिक विवाद बनकर रह जाएगा?
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