"कांग्रेस राज में तेलंगाना पर आर्थिक संकट के बादल, रेवंत रेड्डी सरकार की नीतियां सवालों के घेरे में!" जानिए सब कुछ इस रिपोर्ट में

हैदराबाद, 24 फरवरी 2025: तेलंगाना राज्य, जो कभी आर्थिक समृद्धि के लिए जाना जाता था, अब गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में, राज्य पर कर्ज़ का बोझ तेजी से बढ़ा है, और कई चुनावी वादे अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं।
बढ़ता कर्ज़ और राजस्व घाटा
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए तेलंगाना सरकार ने 2.91 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसमें 57,000 करोड़ रुपये से अधिक का खुला बाजार ऋण शामिल था। हालांकि, जनवरी 2025 तक, राज्य सरकार ने निर्धारित 49,255 करोड़ रुपये के बजाय 58,596 करोड़ रुपये का कर्ज़ ले लिया, जो कि निर्धारित बजट से लगभग 10,386 करोड़ रुपये अधिक है।
राजस्व की दृष्टि से, जहां बजट में 297 करोड़ रुपये के अधिशेष का अनुमान था, वहीं जनवरी 2025 तक राज्य 26,050 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया।
अधूरे चुनावी वादे
कांग्रेस ने चुनाव से पहले महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया था। हालांकि, बढ़ते कर्ज़ और राजस्व घाटे के कारण, यह वादा अभी तक पूरा नहीं हो सका है। इसके अलावा, किसानों के लिए 15,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता और कृषि श्रमिकों को 12,000 रुपये वार्षिक देने के वादे भी अधूरे हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव ने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को राज्य की वित्तीय स्थिति पर बहस की चुनौती दी है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन और झूठे प्रचार का आरोप लगाया है, जिससे राज्य आर्थिक संकट में फंस गया है।
निष्कर्ष
तेलंगाना की वर्तमान आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। बढ़ते कर्ज़, राजस्व घाटे और अधूरे वादों ने राज्य की वित्तीय स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आवश्यक है कि सरकार त्वरित और प्रभावी कदम उठाए ताकि राज्य को इस आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सके और जनता से किए गए वादों को पूरा किया जा सके।
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