रॉबर्ट वाड्रा को ED का समन: हरियाणा की लैंड डील और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के घेरे में हैं। गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 2008 में हुई एक ज़मीन खरीद की डील को लेकर वाड्रा को समन जारी किया गया है। वाड्रा सोमवार को पूछताछ के लिए ED दफ्तर पहुंचे और उन्होंने कहा, “हम हर चीज़ के लिए तैयार हैं। जब मैं अल्पसंख्यकों के हक़ में बोलता हूं, मुझे दबाया जाता है।”
क्या है मामला?
यह पूरा मामला 2008 में स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. द्वारा खरीदी गई 3.5 एकड़ ज़मीन से जुड़ा है, जो ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। आरोप है कि इस डील का mutation सिर्फ 25 घंटे में पूरा हो गया, जो एक असामान्य प्रक्रिया मानी जा रही है।
2018 में हरियाणा पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की थी, और अब मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच हो रही है। ED की चार्जशीट के मुताबिक, वाड्रा और प्रियंका गांधी ने हरियाणा में कई एकड़ ज़मीन खरीदी थी, और इन सौदों में रियल एस्टेट एजेंट्स के जरिए लेन-देन हुआ।
अन्य खुलासे:
चार्जशीट में भगोड़े आर्म्स डीलर संजय भंडारी और ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा का भी ज़िक्र है। इसके अलावा, NRI बिजनेसमैन सीसी थंपी ने ED को बताया कि वह वाड्रा को 10 साल से जानता है और दोनों की कई मुलाकातें UAE और भारत में हुईं। थंपी पर आरोप है कि उसने अमीपुर गांव में 486 एकड़ ज़मीन खरीदी थी, जिसमें से 40 एकड़ वाड्रा ने और 5 एकड़ प्रियंका गांधी ने भी ली थी। यह ज़मीन बाद में वापिस एजेंट को ही बेच दी गई।
लंदन कनेक्शन:
रॉबर्ट वाड्रा के नाम पर लंदन में एक प्रॉपर्टी भी है, जिसे खरीदने में थंपी ने मदद की थी, ऐसा भी एजेंसी का दावा है।
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