पाकिस्तान के कराची में आतंकी हाफिज सईद के करीबी और लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड इकट्ठा करने वाले अब्दुल रहमान की हत्या कर दी गई है। उसे एक अज्ञात बंदूकधारी ने गोली मार दी। बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान कराची में लश्कर के लिए फंड इकट्ठा करता था, और उसके पास जमा फंड को आगे भेजा जाता था।
कौन था अब्दुल रहमान?
अब्दुल रहमान आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड इकट्ठा करता था। कराची में कई फंड कलेक्टरों से धन जमा कर इसे आगे ट्रांसफर करने का काम करता था। आतंकियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कड़ी था, जिसका सफाया कर दिया गया है।
कैसे हुई हत्या?
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, अब्दुल रहमान एक दुकान में मौजूद था, तभी एक अज्ञात शख्स वहां पहुंचा और सामान खरीदने के बहाने उस पर गोली चला दी। घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गया। अब्दुल रहमान को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्या आतंकियों पर हो रही है गुप्त कार्रवाई?
हाल के दिनों में पाकिस्तान में कई आतंकियों को निशाना बनाया गया है। फैजल नदीम उर्फ अबु कताल सिंधी, जो हाफिज सईद का भतीजा बताया जाता है, उसे भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया। इसके अलावा, पाकिस्तान सेना से जुड़े ISPR के अधिकारी मेजर दानियाल की भी पेशावर में हत्या कर दी गई। वह 2016 में जम्मू-कश्मीर के बारामूला में भारतीय सैन्य काफिले पर हमले का मुख्य सूत्रधार था।
क्या यह आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का संकेत?
इन घटनाओं से पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र में हलचल मच गई है। अज्ञात हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े लोगों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है।