यमुना सफाई को लेकर PM मोदी की अहम बैठक: अब होगी ठोस कार्रवाई की उम्मीद

नई दिल्ली। देश की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान मानी जाने वाली यमुना नदी की सफाई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस अहम बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि, और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक के मुख्य बिंदु:
यमुना सफाई के अब तक के प्रयासों की समीक्षा।
अधूरे प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के निर्देश।
सीवेज और औद्योगिक कचरे के निस्तारण पर सख्त कार्यवाही।
राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय।
जनसहभागिता बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान।
यमुना किनारों से अवैध कब्जों को हटाने और हरियाली बढ़ाने की योजना।
PM मोदी का संदेश: यमुना केवल नदी नहीं, हमारी राष्ट्रीय धरोहर है
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में साफ शब्दों में कहा, "यमुना केवल जल का स्रोत नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, आस्था और इतिहास की वाहक है। इसकी सफाई दिल्ली तक सीमित मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है।"
उन्होंने सभी संबंधित विभागों को प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा करने के निर्देश दिए और यह भी कहा कि यमुना मिशन को जनआंदोलन का रूप देना होगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने दिया भरोसा
बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि "यमुना की सफाई केंद्र और राज्यों के तालमेल से ही संभव है। केंद्र सरकार इस दिशा में हरसंभव सहयोग करेगी।"
उन्होंने इस मिशन को "राष्ट्रीय गौरव का प्रश्न" बताते हुए इसे पूरी गंभीरता से लागू करने की बात कही।
यमुना का वर्तमान संकट
दिल्ली में 22 से अधिक गंदे नाले सीधे यमुना में गिरते हैं।
घुलित ऑक्सीजन (DO) का स्तर बेहद कम।
अमोनिया का स्तर कई स्थानों पर खतरनाक।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता अपर्याप्त।
अब जरूरी है ठोस और ज़मीनी बदलाव
यमुना की सफाई अब सिर्फ वादों या घोषणाओं का विषय नहीं रह गया है। यह करोड़ों लोगों की आस्था, पर्यावरण संतुलन, और स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा बन चुका है। जनता की भी जिम्मेदारी है कि वह इस मिशन का हिस्सा बने और यमुना को फिर से जीवनदायिनी नदी के रूप में पुनर्जीवित करने में योगदान दे।
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